खूँटी। जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत तीन दिव्यांग बच्चों का स्पॉन्सरशिप स्टाईपमेंट रुक जाने से केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्री सह क्षेत्रीय सांसद अर्जुन मुंडा का जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने उपायुक्त को ज्ञापन पत्र देकर उक्त तीनों बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़कर पेंशन निर्गत कराने का आग्रह किया है।

उन्होंने बताया कि रनिया प्रखंड के खटका पंचायत अंतर्गत गरई गांव निवासी 3 अनाथ और दिव्यांग बेटों का ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण बाधक बनकर उनका पेंशन रुक गया है। उन तीनों दिव्यांग बच्चों के पिता सुकरा राम का पहले देहान्त हो चुका है। और बाद में फिर उनकी माँ रंथि देवी का भी देहांत हो गया। माँ के देहान्त के बाद गरीबी की जिन्दगी में उसकी दीदी मजदूरी कर किसी प्रकार पालन कर रही है। और एक बहन जो राँची में अपने रिश्तेदार के यहाँ पल रही है। जिसमें ये तीनों बचपन से ही दिव्यांग हैं। इन तीनों को पहले ऑफलाइन रहने के कारण उन्हें सरकार द्वारा पेंशन लाभ मिलता था। लेकिन जब से ऑनलाइन तरीके से जोड़ा गया तब से यानि दो वर्षों से पेंशन‌ मिलना बंद हो गया। इसके कारण इन तीनों को जीवन जीने के लिए अब बहुत ही कठिनाई होने लगी। यह ना तो कार्य कर सकते हैं और ना ही कहीं आ जा सकते हैं। यही कारण है कि इनका आधार कार्ड भी नहीं बन पाया है। जो कि फिंगरप्रिंट दे सकें। और तब से फिंगर प्रिंट नहीं लगने से उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा है। और यहाँ ऑनलाइन प्रक्रिया उसके सरकारी लाभ प्राप्त होने का बाधक बन गया। जब तक अंगूठा से आधार नहीं जोड़ पाएगा तब तक उसे इस लाभ से वंचित ही रहना पड़ेगा। इस विषय बिंदु को जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि दिव्यांग तीनों लोग 20 वर्षीय विदेशी राम, 18 वर्षीय देवचरण राम और 16 वर्षीय छोटू राम को ऑनलाइन प्रक्रिया से जोड़ने के लिए सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सरकारी लाभ ले सकें।

चिकित्सकों के मुताबिक इन्हें पौष्टिक आहार नहीं मिले तो उनकी शारीरिक संरचना और शारीरिक मजबूती पर प्रभाव पड़ता है। और धीरे-धीरे इनकी दिव्यांगता और भी अधिक असरकार हो जाता है। सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने उपायुक्त से आग्रह करते हुए जल्द से जल्द इन्हें पेंशन योजना से जोड़ने के लिए समुचित सुयोग व्यवस्था करने की पहल करने का आग्रह किये हैं। ताकि इनके जीवन जीने का एक आधार बन सके।

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