रांची। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा है कि जिस राजनीतिक पार्टी की विचारधारा स्पष्ट और जन पक्षधर है वही लोकतंत्र पर बढ़ते हमले का प्रभावी मुकाबला कर सकते हैं। संसदीय मोर्चा पर वामपंथ की शक्ति कमजोर होने का मतलब यह नहीं है कि हमारा प्रभाव और जन संघर्षो की परंपरा समाप्त हो गयी है। क्योंकि मजदूरों -किसानों के मुद्दे पर वाम शक्तियां ही मुखर होकर आंदोलनरत हैं। वृंदा करात रविवार को रांची स्थित सीपीआईएम राज्य कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि आटोमोबाइल उद्योग की महामंदी जिसके कारण लाखों लोग अपने रोजगार से वंचित होने के कगार पर हैं जिनमें से बड़ी संख्या झारखंड के कामगारों की है, जो टाटा स्थित आदित्यपुर-गमहरिया औद्योगिक क्षेत्र में काम करते हैं। यह धटनाक्रम प्रधानमंत्री मोदी के उन दावों की पोल खोल देता जिसमें विकास के नये किर्तिमान स्थापित किए जाने की बातें कही जा रही हैं।

वृंदा करात ने जम्मू – कश्मीर के संबध में कहा कि बिना वहां की जनता की राय लिए उस राज्य का विभाजन  किया गया इतना ही नहीं, उस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। ऐसा इस देश में पहली बार हुआ है। वहां संचार के सारे साधन बंद कर लोगों को शेष भारत से अलग-थलग कर दिया गया है जो कि निंदनीय है।

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