कटकमसांडी (हजारीबाग)| एक ओर जहां कोरोना का कहर वहीं दूसरी ओर गर्म तेज हवाओं के झोंके से उड़ रहे धूल से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दिन के 9 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों के लिए घरों में बंद रहना मजबूरी बन गई है। खासकर एक खास समुदाय द्वारा दिन में रखे जा रहे रोज़े में यह गर्मी रोज़ेदारो के लिए परेशानियों की सबब बन रही है।
बता दें कि चिलचिलाती धूप से क्षेत्र के वाटर लेबल भी नीचे जा रहे है। जलाशयों, कुओं व चापानलों के जलस्तर में गिरावट देखी जा रही| वही, कई तालाबों के सूख जाने से पहले ही मत्स्य पालक जैसे-तैसे मच्छलियों को निकालकर औने पौने दामों में बेच रहे है। साथ ही अपेक्षित पानी ना मिलने से खेतों में लगी साग सब्जियां भी मुरझाने लगी है। इधर गर्मी के कारण सूखे पत्तों में लगाई जा रही आग से वन क्षेत्र के तकरीबन तमाम पेड़-पौधे झुलस गए हैं, जिसका असर भी मानव जीवन पर देखने को मिल रहा है।