खूँटी। मौत तो मौत है, पर बेपरवाह और लापरवाही ही मौत का सबब बन जाए, तो दर्द ज्यादा होता है| यही दर्द और दुःख आम जनमानस के लिए राज्य सरकार के प्रति अब लोगों का भाव दिखाई देने लगा है।

समाजसेवी डॉ निर्मल सिंह ने कहा कि यह पीड़ा हेमंत सोरेन जी आपके राज्य में ही है की जहां झारखण्ड के लाल डॉ गिरधारी राम गौंझू को बेड के लिये तड़पते जान देना पड़ा।

एक विश्वविद्यालय के कुलपति, दूसरा विख्यात वकील, डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी  झारखंडी साहित्य और संस्कृति के बड़े हस्ताक्षर रहे हैं। लेकिन आपकी क्षमता एक बेड की भी नहीं है। आप तड़प-तड़प कर घिघियाते हुए प्राण त्यागने को अभिशप्त हैं। क्योंकि आप झारखंड में हैं। और आप ना आई ए एस हैं ना आई पी एस, ना विधायक हैं ना सांसद ,ना मंत्री हैं ना उनके परिजन।

उन्होंने कहा कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव पर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए। वैसे भी इनका सिस्टम कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मगर ऊपरवाला अगर कहीं है तो इनका हिसाब लेगा और जरुर लेगा ये श्राप जरूर फलित होगा ।

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