खूँटी (स्वदेश टुडे)। जिले के रनिया प्रखंड की सावित्री देवी जिनकी पहचान कभी शराब निर्माता तो कभी हाट-बाज़ार में हड़िया की दूकान ही बन गयी थी। रनिया के डाहु पंचायत- तुम्बुकेल गाँव की सावित्री देवी भी साधारण गृहणी का जीवन व्यतीत कर रही थीं।
उन्होंने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए हड़िया बेचने का काम शुरू किया था। विगत वर्ष फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जुड़कर सावित्री ने हड़िया छोड़ अपने राशन की दुकान शुरू की। साथ ही आजीविका के वैकल्पिक साधनों जैसे सब्जी बिक्री, मुर्गीपालन और सुचारू राशन दुकान की वृद्धि कर नशीली पदार्थ की बिक्री से खुद को दूर किया। हड़िया-दारु से की गयी कमाई ही सावित्री देवी का रोजगार था। फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत उन्हें रु.10,000 का ब्याज रहित ऋण मिला। इस ऋण के सहयोग व कुछ कर दिखाने की हिम्मत के साथ सावित्री के अपने नए रोजगार के साधन अपनाएँ। सावित्री बताती हैं कि, “जब मैं दारु का निर्माण करती थी, तो मेरे पति भी उसका सेवन किया करते थे। घर का माहौल खराब होने के साथ-साथ लड़ाई-झगड़े एक आम बात हो गए थे। उसने अपने रोजगार का साधन बदला और अब अपने और अपने परिवार का सम्मान भी बढ़ा रही हैं।
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