खूँटी। जिले के कर्रा प्रखण्ड अंतर्गत कर्रा पंचायत में उपायुक्त शशि रंजन की उपस्थिति में पौधरोपण का शुभारंभ किया गया। उक्त पंचायत में नाबार्ड और बाएफ के संयुक्त तत्वावधान में 250 एकड़ भूमि पर पौधरोपण किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में ग्रामीणों द्वारा मुख्य अतिथि उपायुक्त का स्वागत किया गया। साथ ही दीप प्रज्जवित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इसके साथ ही इस दौरान नाबार्ड,बायफ वाड़ी विकास परियोजना, ग्रामीणों एवं सम्मन्वित आदिवासी विकास परियोजना, कर्रा के लाभुको को पौधा (आम, अमरुद,बेर एवं वानिकी) रोपण का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही नाबार्ड वाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत मिलने वाले सभी लाभों से अवगत कराया गया। बायफ अधिकारी द्वारा बताया गया की लाभुको को गढ्ढा खुदाई , गढ्ढा भराई, खेत की जुताई मेड बंदी इत्यादि के लिए निर्धारित अनुदान किसानो को उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही आम- 50, अमरुद-15 तथा मेड पर लगाने हेतु वानिकी पौधा-100 निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस दौरान उपायुक्त ने ग्रामीणों से सीधा संवाद करने के क्रम में कहा कि वर्तमान में हमें धरातल पर स्वरोजगार व स्वालम्बन की दिशा में अग्रसर होने की आवश्यकता है। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों आम बागवानी के साथ-साथ उसकी उचित प्रोसेसिंग के लिए किए जाने वाले कार्यों की दिशा में भी जागरूक किया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा इस संदर्भ में लोगों को जानकारी देते हुए कहा गया कि इन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से हम अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दे सकेंगे और आत्मनिर्भर जीवन की ओर कदम बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व ग्रामीणों के बीच बेहतर सम्पर्क स्थापित करने के निरन्तर प्रयास जारी हैं। जिले के वरीय पदाधिकारियों द्वारा पंचायतवार नियमित अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करने हेतु कार्य किये जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि नाबार्ड व बाएफ के इन संयुक्त प्रयासों का लाभ सीधा ग्रामीणों को मिलेगा। इन लाभों को बहुउद्देश्यीय समझते हुए किसानों को तकनीकी तौर पर भी जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने खेतों में वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर उन्नत खेती करें। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को भी प्रोत्साहित किया। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनने की आवश्यकता है। उन्हें आगे आते हुए अपने परिवार व गांव को जागरूक कर स्वरोजगार की ओर अग्रसर होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे इन प्रयासों से गांव-गांव तक आत्मनिर्भर जीवन का सन्देश देने में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही, कार्यक्रम से जुड़कर ग्रामीणों को लाभन्वित करने का ये प्रयास सभी के जागरूक दृष्टिकोण के साथ ही सार्थक सिद्ध होगा।

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