नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के 74वे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए बच्चों को याद किया। उन्होंने कहा कि बच्चों के चेहरों जो हर साल यहां दिखते थे, लेकिन कोरोना के कारण वे आज यहां नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोरोना वैक्सीन की तैयारी पूरी तेजी पर है, वैज्ञानिकों के हरी झंडी दिखाते ही इसका उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों की तरह लगे हुए हैं। देश को बहुत जल्द कोरोना वैक्सीन मिलेगी। वैज्ञानिकों से जब हरी झंडी मिल जाएगी और उसकी तैयारियां पूरी तरह तैयार है। तेजी से उत्पादन के साथ वैक्सीन हर भारतीय के पास कम से कम समय में कैसे पहुंचे, उसका रूपरेखा भी तैयार है।
कोरोना वॉरियर्स की तारीफ की
उन्होंने कोरोना वॉरियर्स की तारीफ करते हुए कहा, ‘कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।’
कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदला
जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा लैब हैं। आपदा को अवसर में बदलने के अपनी सोच के क्रम में पीएम मोदी ने ऐलान किया, ‘आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आईडी में समाहित होगी।