रांची। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 सितम्बर को रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति उस दिन 46 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान करेंगे। समारोह का आयोजन मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप में किया गया है।
रांची विवि की प्रति कुलपति प्रो कामिनी कुमार ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इसमें साल 2019 के पास आउट विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्रपति की उपस्थिति सुबह 10.10 से 11.10 बजे तक का होगा।
46 गोल्ड मेडल में 33 गोल्ड लड़कियों के नाम
रांची विवि के 33वें दीक्षांत समारोह में कुल 7951 विद्यार्थियों को डिग्री दी जायेगी। इसमें पीजी, यूजी, वोकेशनल आदि कोर्स के छात्र हैं। इसमें 46 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया जायेगा। इसमें लड़कियों की संख्या 33 है। इसके अलावा कई मेमोरियल अवार्ड दिये जायेंगे। प्रति कुलपति ने बताया कि राष्ट्रपति के निर्देश पर कई तरह के सामाजिक सरोकार के काम भी किये गये हैं। इसमें ब्लड डोनेशन कैंप, स्वच्छता अभियान, स्वच्छता जागरूकता जैसे काम शामिल हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी, रांची विवि के एनएसएस ग्रुप व रिम्स के सहयोग से अब तक निर्मला कॉलेज, वीमेंस कॉलेज, डोरंडा कॉलेज आदि जगहों पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जा रहा है। वहीं 14 सितम्बर को बेसिक साइंस भवन में ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर 58 यूनिट ब्लड जमा किये गये हैं।
बीबीए एलएलबी कोर्स की मिली मान्यता
उन्होंने बताया कि रांची विवि को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता मिल गयी है। अब इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज में बीबीए, एलएलबी कोर्स इसी सत्र से शुरू हो जायेगा। नामांकन की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो जायेगी। दो सेशन में 60-60 विद्यार्थियों का नामांकन लिया जायेगा। छोटानागपुर लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ आरके वर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज के निदेशक होंगे। अभी इस संस्थान में एलएलएम की पढ़ाई शुरू हो रही है। जिसकी कक्षा 25 सितम्बर से शुरू होगी।
बरियातू हाउसिंग कॉलोनी का 192 फलैट रांची विवि का हुआ
उन्होंने बताया कि बरियातू हाउसिंग कॉलोनी का 192 फलैट अब रांची विवि के नाम हो गया है। इसके लिए रांची विवि प्रशासन ने 42 करोड़ 24 लाख रुपये सरकार को चुका दिये हैं। प्रेस कांफ्रेंस में रांची विवि के रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी, परीक्षा नियंत्रक डॉ राकेश कुमार और प्रवक्ता प्रकाश कुमार झा आदि मौजूद थे।

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