रांची। झारखंड पुलिस मुख्यालय के ट्विटर पर  7907 मामले आये हैं, जिसमें 7385 मामलों का निष्पादन किया गया है। ट्विटर से आने वाली शिकायत पर पुलिस मुख्यालय की ओर से संज्ञान लेकर संबंधित जिले के एसपी को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया जा रहा है।
डीजीपी एमवी राव ने कई समस्याओं का ट्विटर पर ही आदेश देकर समाधान कर दिया है। एमवी राव ने डीजीपी पद का प्रभार संभालते ही सभी जिलों के एसपी, सभी रेंज के डीआइजी, सीआइडी और एडीजी को आदेश देते हुए कहा था कि ट्विटर,फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर अपनी प्रोफाइल बनायें। इस प्रोफाइल को सक्रिय करते हुए आमलोगों की समस्याओं को ऑनलाइन दर्ज कर कार्रवाई करें। डीजीपी के आदेश के बाद राज्य के सभी जिलों की पुलिस ट्विटर पर सक्रिय हो गयी है। ट्विटर के माध्यम से 24 घंटे न सिर्फ समस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि बगैर थाना गये ही आम लोगों की समस्याओं का समाधान भी हो रहा है। आमलोगों की ओर से झारखंड पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर शिकायत मिलते ही संबंधित जिले के एसपी को अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया जा रहा है। आमलोग अपनी समस्या अपने जिले की पुलिस या झारखंड पुलिस के ट्विटर एकाउंट के साथ टैग कर रहे हैं। डीजीपी एमवी राव भी ट्विटर पर सक्रिय हैं। उनकी ओर से खुद भी ट्वीट के जरिये जिलों के एसपी को संबंधित दिशा-निर्देश दिये जाते हैं।
 पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार बीते 13 अप्रैल 2020 से लेकर 22 दिसंबर 2020 तक झारखंड पुलिस मुख्यालय में ट्विटर के माध्यम से 7907 सामने आये। जिनमें मारपीट के 374, मवेशी तस्करी के 28, ठगी के 97, बाल मजदूरी के 9, सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के 408, संप्रदायिक पोस्ट 663, पुलिस के द्वारा कारवाई नहीं करने के मामले 1201, पुलिस के द्वारा बुरा व्यवहार के मामले 272, कोरोना संबंधी 295, महिलाओं के खिलाफ अपराध 416, पीडीएस सिस्टम 28, साइबर क्राइम 167, रंगदारी 47, फूड रिक्वायरमेंट 288, जुआ 43, सरकारी जमीन अतिक्रमण 93, अवैध कोयला उत्खनन 46, अवैध बालू उत्खनन 164, अवैध शराब 121, अवैध तस्करी 67, अवैध पत्थर उत्खनन 64, पेड़ कटाई 64, अपहरण 27, जमीन विवाद 385, लॉ एंड ऑर्डर 221, लॉकडाउन वॉयलेशन 291, गुमशुदा व्यक्ति 98, हत्या 252, अन्य 754, राशन कार्ड संबंधी 25, दुर्घटना 52, लूटपाट 77, कालाबाजारी 29, सेक्स रैकेट 4, सामाजिक दूरी 259, आत्महत्या 37, चोरी 132, धमकी 221 और डायन प्रथा 26 के मामले ट्विटर के माध्यम से झारखंड पुलिस मुख्यालय को मिली है। इसमें 7385 मामलों का निष्पादन किया गया। जबकि 522 मामले लंबित हैं,  इन पर काम चल रहा है।
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