रांची। राजधानी रांची और आसपास के कई हिस्सों में सोमवार को तेज धूप के बीच सूर्य के चारों ओर रंगीन इंद्रधनुष का अद्भूत नजारा देखने को मिला। आम तौर पर धनुषाकार होने वाले इंद्रधनुष ने अपने सात रंगों से सूरज को गोलाकार में घेर लिया था। इस नजारे को रांचीवासियों ने अपने कैमरे में कैद किया है। सतंरगी घेरा में सूर्य की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है।
इस अद्भुत नजारे को देखकर रांची के लोग हैरान भी थे। आखिर सूर्य सतरंगी घेरा में क्यों दिख रहा है। रांची स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वरीय वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि खगोल विज्ञान में इसे ‘‘22 डिग्री सर्कुलर हलो कहते हैं। इसका मुख्य कारण आइस क्रिस्टल पर सूर्य की रोशनी का परावर्तन होना है। आइस क्रिस्टल ऊपरी वायुमंडल में धरती से 18 से 21 किलोमीटर ऊपर संस्पेंडेड फार्म यानी लटकी हुई अवस्था में रहती है।
उन्होंने बताया कि ऐसा तब होता है, जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूदा षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती है। यह हाई क्लाउड से बनता है और बारिश का सूचक होता है। मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि हलो कई रूप में हो सकते हैं, जिसमें रंगीन या सफेद रिंग से लेकर आर्क्स और आकाश में धब्बे होते हैं। इनमें से कई सूर्य या चंद्रमा के पास दिखाई देते हैं, लेकिन अन्य कहीं या आकाश के विपरीत हिस्से में भी होता है।
मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि सबसे प्रसिद्ध प्रभामंडल प्रकारों में वृत्ताकार प्रभामंडल, जिसे प्रकाश स्तंभ भी कहते हैं और यह अत्यंत दुलर्भ होता है, आज इसी तरह का दृश्य देखने को मिला। वहीं, रांची के लोगों में यह अद्भुत नजारा अभी भी कौतूहल का विषय है।
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