रांची। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया से वाराणसी में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने झारखंड में कार्यरत 42 हजार सहियाओं के मानदेय में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया और एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा है कि प्रोत्साहन राशि बढ़ोतरी के लिए अनुशंसा की गई थी लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया कि आंध्र प्रदेश में प्रतिमाह 10 हजार, केरल में पांच हजार प्रतिमाह मानदेय के रूप में सहियाओं को दिया जा रहा है जबकि झारखंड में दो हजार से तीन हजार प्रति माह मानदेय दिया जाता है, जो आज के परिवेश में बहुत कम है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से झारखंड के लिए एक और एम्स की मांग की है। उन्होंने अवगत कराया कि रांची का रिम्स ही एकमात्र संस्थान है, जिसमें सामान्य बीमारी एवं उच्चतर जोखिम आधारित बीमारियों के इलाज के लिए राज्य के मरीजों को निर्भर होना पड़ता है।
साथ ही बताया कि कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां के रोगियों का उपचार समय पर संभव नहीं हो पाता है। इससे राज्य के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण रिम्स में समुचित इलाज में कठिनाई होती है। कोल्हान प्रमंडल में जमशेदपुर का एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मरीजों का एकमात्र सहारा है। यहां इलाज के लिए निकटवर्ती राज्य उड़ीसा, पश्चिम बंगाल से भी लोग आते हैं। ऐसे में झारखंड में एक और एम्स की जरूरत है।