-लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ कार्यक्रम के तहत राजभवन के समक्ष धरना
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ.रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में ‘लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ’ कार्यक्रम के तहत आज सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया गया। भारत के संविधान और प्रजातंत्र एवं प्रजातांत्रिक संस्थाओं को बचाने के लिए राजभवन के समक्ष पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 1 बजे तक आहूत एकदिवसीय धरना प्रदर्शन में पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, सांसद गीता कोड़ा, प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू , विधायक राजेश कच्छप, उमाशंकर अकेला, वरिष्ठ नेता अनादि ब्रह्म, वीपी शरण, प्रदीप तुलस्यान, कुमार गौरव, निरंजन पासवान समेत अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में जब पूरी दुनिया इस संकट से निपटने के लिए संघर्षरत है, वैसे समय में भाजपा ने सारी हदों को पार करते हुए सत्ता हथियाने के लिए सारी हदें पार कर दी है। देश में आजादी के बाद यह पहली बार हो रहा है, जब राजभवन जैसे संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने का काम किया जा रहा है। देश ने यह भी पहली बार देखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई और ईडी का भी प्रयोग विरोधी दलों के नेताओं को डराने-धमकाने में की जा रही है। जनता यह भी देख रही है कि एक चुनी हुई सरकार जब राज्यपाल से विधानसभा सत्र आहूत करने का आग्रह करती है, तो राज्यपाल द्वारा आना-कानी किया जा रहा है। जनमत का इस तरह से चीरहरण लोकतांत्रिक व्यवस्था की सेहत के लिए ठीक नहीं है, प्रजातंत्र बेड़ियों में है और देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था खतरे में है।
उन्होंने कहा कि देश-दुनिया देख रही है, देश की प्रजातांत्रिक मर्यादाओं और संवैधानिक व्यवस्थाओं को तोड़ते हुए चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि जब किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है, तो सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का मौका दिया जाता है, लेकिन कर्नाटक में किस तरह से सरकार गिरायी गयी, मध्यप्रदेश में सरकार गिरायी गयी और राजस्थान में चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।इसी कारण देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए आज लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ कार्यक्रम का आयोजन देशभर में किया जा रहा है।
पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या और संवैधानिक संस्थानों को कमजोर करने की घिनौनी हरकत की पार्टी निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा नेताओं वाली एनडीए सरकार के इस कृत्य से पूरे देश में जनाक्रोश है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह से हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने की कोशिश की गयी है, उससे भाजपा का असली चरित्र देश की जनता के सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को नकारने का काम किया, तो पिछले दरवाजे से सत्ता हथियाने की कोशिश की जा रही है।
कृषिमंत्री बादल ने कहा कि इस संकट की घड़ी में जब देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, लोग बेरोजगार हो रहे है, उद्योग धंधे बंद हो रहे है, लोगों का रोजगार छिन गया है, वैसी स्थिति में मुश्किल में पड़े लोगों को मदद पहुंचाने की जगह भाजपा सत्ता हथियाने की घिनौनी कोशिश में जुटी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान की धज्ज्यिं उड़ायी जा रही है, सरकार बनाने और बिगाड़ने में राजभवन पर दबाव डाला जा रहा है, हर जगह राजभवन का इस्तेमाल कर सत्ता हथियाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि लड़ाई अब लंबी हो गयी है, संविधान में संघीय ढांचा को पूरी तरह से खत्म करके, हिटलरशाही व्यवस्था को लागू करने की कोशिश की जा रही है।
सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भाजपा जिस खेल की शुरुआत की है, वह गलत है, लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश बंद होनी चाहिए और यह खेल नहीं बंद हुआ, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत प्रदेश कांग्रेस कमिटि के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने गिरीडीह के जुझारु, संघर्शील, कर्मठ उभरते हुए युवा नेता नरेन्द्र सिन्हा के आकस्मिक निधन पर शोक प्रस्ताव लाया एवं भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि नरेंद्र सिन्हा के निधन से मन बहुत व्यथित है। एक नौजवान उभरता हुआ नेता हमारे बीच से चला गया है उनकी कमी हमेशा पार्टी को खलेगी।