रांची। झारखंड हाई कोर्ट में सफायर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र विनय महतो हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिवंगत विनय के पिता मनबहाल महतो की याचिका को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने यह आदेश दिया है कि सफायर स्कूल के छात्र विनय महतो हत्याकांड की जांच अब सीबीआई करेगी।
इससे पहले विनय के पिता की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने सीबीआई से आठ माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2016 में राजधानी रांची के सबसे महंगे बोर्डिंग स्कूल में शुमार सफायर इंटरनेशनल स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र विनय महतो की हत्या कर दी गयी थी। विनय के पिता मनबहाल महतो को तड़के 3:30 बजे फोन पर बताया गया कि उनका बेटा बीमार है। कहा गया कि उनके बेटे को गुरुनानक अस्पताल भेजा गया है। बाद में बताया गया कि उसे रिम्स भेज दिया गया है।
मनबहाल महतो रिम्स पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा विनय स्ट्रेचर पर मृत पड़ा था। उसको अकेले छोड़ दिया गया था। स्कूल के टीचर और स्टाफ तक वहां नहीं थे। इसके बाद से ही पिता लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। बाल अदालत (जेजे कोर्ट) ने हत्याकांड के मुख्य आरोपित स्कूल की शिक्षिका के नाबालिग पुत्र-पुत्री को आरोप से बरी कर दिया था। अदालत के इस फैसले को विनय के पिता मनबहाल महतो ने कोर्ट में चुनौती दी थी।
इस मामले में छह जुलाई 2018 को जेजे कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी की अदालत ने दोनों नाबालिग आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। विनय महतो की हत्या चार फरवरी 2016 की देर रात उसके स्कूल परिसर में की गयी थी। जांच के दौरान पुलिस ने स्कूल की शिक्षिका नाजिया हुसैन, उसके पति आरिफ अंसारी और नाबालिग बेटे और बेटी गिरफ्तार कर आरोपी बनाया था। अपने बच्चे को न्याय दिलाने को लेकर सीबीआइ जांच के लिए मनबहाल अक्तूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट गये थे। वहां सुनवाई के बाद हाई कोर्ट में अपील करने का आदेश दिया गया था। उसके बाद आठ मार्च 2018 को झारखंड हाई कोर्ट में सीबीआइ जांच के लिए याचिका दाखिल की थी।

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