रांची। आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले आदिवासियों के संघर्ष गाथा और उनके बलिदान के याद करते हुए शहीद सिद्धू-कान्हू, चांद भैरव की स्मृति में 30 जून को विद्रोह के प्रतीक के तौर पर हुल दिवस मनाया जाएगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के निर्देशानुसार 30 जून को संगठन द्वारा संथाल आंदोलन के शहीदों को याद कर हुल दिवस मनाया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने दी। उन्होंने बताया कि इस बाबत प्रदेश अध्यक्ष द्वारा गठित आयोजन समिति की बैठक 23 जून को पार्टी कार्यालय में आहूत की गई है। उन्होंने बताया कि आयोजन समिति के संयोजक अनादि ब्रहम को बनाया गया है। मंगलवार को कार्यक्रम की रूप-रेखा तय की जाएगी। शाहदेव ने बताया कि 1857 के सिपाही विद्रोह को अगर स्वतंत्रता संग्राम का पहला विद्रोह माना जाता है, तो आदिवासियों का हूल विद्रोह भी उतना ही प्रभावशाली माना जाता है, जहां आदिवासियों ने अपने परंपरागत हथियारों के दम पर ही व्रिटिश सेना के छक्के छुड़ा दिये थे।
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