रांची। डीजीपी नीरज सिन्हा ने अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी ) को मृत महिला के खून को पुरुष का खून बताने वाले फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ( एफएसएल ) के साइंटिस्ट जहांगीर के खिलाफ अनुसंधान का आदेश दिया है। मामले का अनुसंधान की जिम्मेवारी सीआईडी डीएसपी सरिता मुर्मू को दिया गया है।

क्या है पूरा मामला

गिरिडीह जिला के घोरर्थभा थाना क्षेत्र में एक महिला की हत्या कर दी गयी थी। अपराधियों ने हत्या करने के बाद शव को ठिकाने भी लगा दिया था। घटना साल भर पुरानी है।उस समय पुलिस ने जांच के लिए एफएसएल के अधिकारियों को बुलाया भी था। टीम ने खून से सने कपड़े जब्त किये थे। उन कपड़ों को एफएसएल लाया गया।

एफएसएल के सहायक साइंटिस्ट जहांगीर पर आरोप है कि उन्होंने जो अपनी जांच रिपोर्ट दी, वह गलत है। उन्होंने खून को महिला की बजाय पुरुष का बता दिया और इस संबंध में रिपोर्ट भी भेज दी। एफएसएल की रिपोर्ट देखकर मामले की अनुसंधान कर रहे पुलिस अधिकारी माथा पीटने लगे। पुलिस द्वारा एकत्र सारे सबूत उल्टे साबित हुए और इसका पूरा लाभ आरोपितों को मिल सकता था। लिहाजा इस संबंध में एफएसएल के विरुद्ध एफएसएल के निदेशक को रिपोर्ट की गयी और सहायक वैज्ञानिक के खिलाफ जांच का अनुरोध भी किया गया।
एफएसएल ने अनुसंधान में आरोपों को सही पाया

एफएसएल के अधिकारी जब अपने ही साइंटिस्ट के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने लगे, तो आरोप सही मिले। तुरंत एफएसएल के निदेशक ने एक रिपोर्ट बनायी और गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को भेज दी । उसी रिपोर्ट के आधार पर साइंटिस्ट को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ खेलगांव थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है। यह प्राथमिकी एफएसएल के एक सीनियर अधिकारी ने दर्ज करायी है, जिसमें कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं। इसी कांड का अनुसंधान अब सीआइडी को सौंपा गया है। वहीं दूसरी ओर एफएसएल के कई वैज्ञानिकों ने निदेशक के खिलाफ भी आरोप भरा पत्र गृह विभाग को लिखा है।

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