रांची। मुख्यमंत्री के कारकेड को किशोरगंज चौक के पास रोकने के मामले में डीजीपी ने कार्रवाई की है। डीजीपी एमवी राव ने बुधवार को कोतवाली बृज कुमार और सुखदेवनगर थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। घटना के दौरान दोनों पुलिस पदाधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए यह कार्रवाई की गयी है। डीजीपी ने कहा कि इस मामले की जांच को लेकर उच्च स्तरीय समिति बनायी गयी है और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके ऊपर कारवाई की जायेगी।
 बताया जाता है कि डीजीपी अचानक रांची के एसएसपी सहित अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए दो थाना प्रभारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके अलावा डीजीपी ने विधि व्यवस्था कायम रखने पर जोर दिया। ओरमांझी में युवती की मिली सिर कटी लाश पर भी बैठक पर चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हुए हमले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनायी गयी है। साथ ही इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए सरकार ने दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में आइएएस सेवा और आएपीएस के एक- एक वरीय अधिकारी शामिल किये गये हैं। समिति को काफिले पर हुए हमले की जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन यथाशीघ्र समर्पित करने को कहा गया है। इसके अलावा रांची के डीसी और एसएसपी से शो कॉज की मांग की गयी है। 4 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन का काफिला झारखंड मंत्रालय से लौट रहा था। इसी दौरान किशोरगंज चौक के पास उपद्रवियों के झुंड ने सुनियोजित साजिश के तहत काफिले को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि रांची पुलिस ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सीएम के काफिले को रूट डायवर्ट कर दिया था और सीएम को सुरक्षित मुख्यमंत्री आवास पहुंचाया था। इस गंभीर घटना के कारणों की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया है। बताया गया कि यह भीड़ ओरमांझी में एक दिन पूर्व मिले एक लड़की के सिर कटे शव को लेकर आक्रोशित था।
इधर, रांची के ओरमांझी में युवती की गला काट कर हत्या मामले में रांची के सदर इलाके की रहनेवाली एक महिला ने बीते मंगलवार को अपनी बेटी होने का दावा किया है। इसी बिंदु पर पुलिस के सामने मृतका से घंटों बात करने वाले एक युवक को महिला के कहने पर पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। साथ ही यह भी पता लगाई जा रही कि मृतकर चेशायर होम रोड की महिला की बेटी है या नहीं।
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