झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी में जिस युवती की गला काटकर हत्या की गई थी उसकी पहचान करने का दावा एक महिला ने किया है. रांची के सदर इलाके की रहने वाली एक महिला ने दावा किया है कि वो युवती उसकी नाबालिग बेटी है. महिला का दावा है कि उसकी बेटी लापता थी और ये उसी की बेटी का शव है. इधर पुलिस महिला के दावे को लेकर पड़ताल कर रही है. जरूरत पड़ने पर महिला का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा.

महिला के सामने आने के बाद पुलिस की टीम ने उसे रिम्स ले जाकर युवती के शव को भी दिखाया. शव को देखने के बाद महिला ने बताया कि उसकी बेटी के पैर में तिल था और इस मृत लड़की के भी पैर में भी तिल है. रिम्स के बाद महिला ओरमांझी थाना भी पहुंची थी और वहां पुलिस अधिकारियों के सामने बरामद शव को पहचानने का दावा किया था.

सदर थाना क्षेत्र स्थित चेशायर होम रोड की रहने वाली इस महिला की नाबालिग बेटी पिछले 3 महीने से गायब है. इस संबंध में महिला ने रांची के सदर थाने में गुमशुदगी का मामला भी दर्ज करवाया था. अपने आवेदन में महिला ने बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी घंटों किसी लड़के से बात किया करती थी. सितंबर 2020 की दस तारीख को वह अचानक गायब हो गई, इसके बाद उसने सदर थाने में गुमशुदगी का मामला भी दर्ज करवाया था. महिला के दावे की जांच करने के लिए रांची पुलिस ने डेड बॉडी और महिला का डीएनए टेस्ट करवाने का फैसला किया है.

बता दें कि 4 जनवरी की शाम को इसी मामले के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कुछ लोग अल्बर्ट एक्का चौक जा रहे थे. आरोप है कि रांची के किशोरगंज में इसी दौरान सीएम हेमंत सोरेन का काफिला गुजर रहा था. इस दौरान सीएम के काफिले पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की थी. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री सोरेन की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने रूट डायवर्ट कर मुख्यमंत्री को उनके आवास तक पहुंचाया.

अब सीएम के काफिले पर पत्थरबाजी के मामले में सीएम सरकार सख्त नजर आ रही है. राज्य सरकार ने इस मामले में रांची के डीसी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र झा को शोकॉज नोटिस जारी किया है. घटनाक्रम की जांच के लिए सरकार ने दो सदस्य उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है, जिसमें एक आईएएस और एक आईपीएस के वरीय अधिकारी को शामिल किया गया है. अधिकारियों को इस मामले की पूरी जांच कर विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही सौंपने को कहा गया है.

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