रांची। डीजीपी एमवी राव ने कहा कि नए साल से राज्य के थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलेगी। शुरू में थोड़ी परेशानी होगी।लेकिन फरवरी से यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी। डीजीपी बुधवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। इस संबंध में सभी जिले के एसएसपी, एसपी को पुलिस मुख्यालय के द्वारा आदेश जारी किया गया है। पुलिसकर्मियों के मनोबल ऊंचा रहे इसके लिए भी काम हो रहा है। पुलिस की लिविंग कंडीशन सुधारने की ज़रूरत है। एक जनवरी से राज्य से सभी थाना में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलनी शुरू हो जाएगी। डीजीपी ने कहा कि जनवरी से थाना में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन कि छुट्टी मिलेगी। पूरे जनवरी महीने इसका ट्रायल चलेगा ।इस दौरान देखा जाएगा क्या क्या परेशानी आ रही है। इसके बाद इसको दूर किया जाएगा। फरवरी महीने से ये सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा। डीजीपी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पहले पुलिस थानों को ये सुविधा मिलेगी। इसके बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों सहित अन्य को यह सुविधा मिलेगी।  हमारा काम बचाना है मारना नहीं डीजीपी ने एक सवाल पर कहा कि नक्सलियों और उग्रवादियों को पुलिस मारना नहीं चाहती हैं। लेकिन पुलिस पर फायरिंग होने पर विवश होकर पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ती है। इसमें नक्सली और उग्रवादी मारे जाते हैं।

उन्हें सरेंडर करने का आग्रह बार बार पुलिस करती हैं। उन्होंने कहां की सभी उग्रवादी और नक्सली मुख्य धारा से जुड़े और सरकार के सरेंडर नीति का लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि अफीम की खेती को लेकर लगातार करवाई की जा रही हैं। कोरोना के स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार नहीं है। उन्होंने नए साल पर सभी लोगों को शुभकामना दी और कहा कि आने वाला वर्ष सभी के लिये मंगलदायी और शुभ हो। साल 2020 पुलिस का परफॉर्मेंस सबसे बड़ा और चैलेंज भरा रहा डीजीपी ने कहा कि साल 2020 पुलिस का परफॉर्मेंस सबसे बड़ा और चैलेंज भरा रहा। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान पाबंदियों को लागू कराना बड़ी चुनौती थी। लॉक डाउन में फंसे लोगों की मदद करना भी चुनौती थी। प्रवासी मजदूरों को भी झारखंड लाना बहुत बड़ा काम था। हमने बेहतर काम किया। थाने में सामुदायिक रसोई चलकर 40 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध करा पाए। इससे पुलिस की अच्छा इमेज बनाने में हम सफल रहे । इस दौरान कई तरह की विशेष अभियान चलाया गया।

सीनियर सिटीजन को दवा पहुंचाने का पुलिस ने काम किया। महिलाओं और युवतियों के सुरक्षा के लिए हेल्प लाइन नम्बर जारी किया गया। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई गई और लोगों के बीच महिलाओं से जुड़े अपराध के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया गया। 90 प्रतिशत मामलों में भुक्तभोगी और अपराधियों की शिक्षा का स्तर कम देखा गया।शिक्षा का स्तर बढ़ाना ज़रूरी हैं। अपराधियों में नशेड़ियों की भी तादाद ज़्यादा है। इसके खिलाफ अभियान शुरू हुआ जो लगातार चल रहा है। आने वाले दिनों में 2 चीज़ होगा। पहले भी पुलिस काम करती थी। अब रूटीन इन्वेस्टिगेशन के साथ साथ ये भी देखते हैं कि क्या इसे रोका जा सकता था। जब से उस पर मंथन शुरू हुआ पुलिस को जवाबदेही तय होने लगी।

पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। नशीले पदार्थो की बिक्री ,अवैध शराब की बिक्री पर कैसे रोक लगे सब को लेकर रणनीति बनी है। इस वर्ष पीएलएफआई के उग्रवादी  पोस्टरबाजी  कर  लगातार  चुनौती दे रहे थे। इसमें कुछ लोग पकड़े गए हैं और जो बचे हैं वो भी पकड़े जाएंगे। इससे जुड़ा कोई भी अपराधी हो या सफेद पोश हो। इससे जुड़ा कोई भी हो वह बख्शा नहीं जाएगा। अवैध हथियार से लैस होकर अपराधिक गिरोह भी चुनैती थी। पहले हथियार सीज होते थे और अपराधियों को जेल भेजा जाता था। अब हम भी कोशिश कर रहे हैं कि हमें पता चले कि अवैध हथियार कहां से आ रही है। कई हथियार ज़ब्त हुए हैं और आगे भी करवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस बार 2020 में सोशल मीडिया के ज़रिए पुलिस ने बहुत काम किया। इसके जरिये की जाने वाली शिकायतों पर करवाई हुई।   मौके पर एडीजी मुरारी लाल मीणा, एडीजी अनिल पालटा, अजय कुमार सिंह, सुमन गुप्ता , साकेत सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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