रांची: झारखंड में कोरोना अब कमजोर होता दिख रहा है. कोरोना के मरीज मिलने और संक्रमितों के स्वस्थ होने का मौजूदा इसी तरह रहा तो दिसंबर महीने में ही झारखंड कोरोना से मुक्त हो सकता है. झारखंड में प्रतिदिन औसतन 25 हजार लोगों के सैंपल लिये जा रहे हैं, जिसमें औसतन 180 मरीज ही मिल रहे हैं और ठीक होने वाले संक्रमितों का औसत 250 के करीब है.

रविवार को 19 हजार लोगों के सैंपल लिये गये पर मात्र 92 संक्रमितों की पहचान हो सकी. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 150 है. रिम्स क्रिटिकल केयर के इंचार्ज के अनुसार अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो झारखंड दिसंबर महीने कोरोना मुक्त हो सकता है. ऐसा इसलिये क्योंकि मरीजों के मिलने की संख्या से अधिक ठीक होने वालों की संख्या है. मई से अगस्त तक जहां 25 हजार सैंपल की जांच होने पर करीब 800 से 900 मरीज प्रतिदिन की औसत से मिल रहे थे वहीं अब यह घटकर 100 से भी नीचे आ चुका है.

झारखंड में वर्तमान में 1796 एक्टिव मरीज है. रिकवरी रेट 97.5 के करीब है जो जल्द ही 99 के करीब हो जाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार इस रफ्तार के तहत महीने के अंत में करीब 200 के करीब ही एक्टिव मरीज बच जाएंगे. इससे झारखंड कोरोना मुक्त होने के करीब पहुंच जाएगा. झारखंड का डबलिंग रेट 418 दिन का हो गया है जो राष्ट्रीय औसत से दोगुना है. राज्य में अबतक 1,10278 मरीज मिले हैं, जिसमें 1,07496 लोग ठीक हो चुके हैं. और 986 लोगों की कोरोना से मौत हो गयी.

हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि कोरोनो नियंत्रण में जरूर आता दिख रहा है, लेकिन इसे लेकर किसी तरह की लापरवाही या अनदेखी नहीं की जा सकती.

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