रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरना आदिवासियों के लिए ललपनिया स्थित लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ सदियों से संथाली आस्था, गौरवशाली अतीत, परंपरा, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक रहा है। पूजा समितियों के सदस्यों ने इस वैश्विक महामारी के बीच पूरी सावधानी के साथ वर्षों से चली आ रही परंपरा को निर्वहन किया। आगे भी यह गौरवशाली परंपरा बनी रहे। इसके संरक्षण में सरकार पूरा सहयोग करेगी ।
21वें अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्नी कल्पना सोरेन और पुत्रों के साथ पूरे विधि विधान और पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना की। उन्होंने यहां स्थापित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद पिछले 20 वर्षों में झारखंड की जनता की उम्मीदों का कोई ख्याल नहीं रखा गया। हमारी सरकार ने यहां के सभी वर्ग और तबके के लोगों की आकांक्षाओं और उनकी गतिविधियों को प्राथमिकता में रखकर कार्य योजना बना रही है और उसे धरातल पर लागू करने का काम किया जा रहा है ताकि समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके।
आपकी समस्याओं को दूर करने आपके द्वार आ रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तथा राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर से आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया गया है । इस कार्यक्रम के तहत 28 दिसंबर तक आपकी समस्याओं के निष्पादन तथा सरकार की योजनाओं का लाभ आपको दिलाने के लिए सरकार आपके द्वार पर आ रही है। सभी पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि शिविरों के माध्यम से लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें।

रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस सिलसिले में इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष घोषित किया गया है और बड़े पैमाने पर युवाओं को नौकरी देने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा रही है। स्वरोजगार को भी बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना समेत कई अन्य कार्यक्रमों को शुरू किया है। इन योजनाओं का लाभ लेकर लोग अपनी जीविका के साथ साथ दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर सकते हैं।
हर वर्ग हर तबके के लिए शुरू की गई है योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर तबके और हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनायें चलाई जा रही है । इस कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों के लिए पशुधन विकास योजना शुरू की गई है । इसके तहत मुर्गी पालन, मछली पालन, सूकर पालन, बत्तख पालन, दुधारू गाय का वितरण लाभुकों के बीच किया जा रहा है । मुर्गी पालन करने वालों से उन्होंने कहा कि अंडा का उत्पादन करें, सरकार इसे खरीदेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं की पूरी उपयोगिता के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

हड़िया- दारु बेचना छोड़े, सरकार आपके रोजगार देगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गरीबी की वजह से खासकर आदिवासी महिलाएं हड़िया- दारु बेचने को मजबूर हैं । उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो झानो आशीर्वाद योजना शुरू की गई है । हड़िया -दारू बेचने का काम छोड़ने वाली महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का काम सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के द्वारा सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की गई है । इसके तहत आयकर दाताओं को छोड़कर 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को विभिन्न पेंशन योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
महिला समूह को बढ़ावा दे रही सरकार
महिला समूहों को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है। बैंकिंग लिंकेज अथवा अन्य माध्यमों से उन्हें पूंजी उपलब्ध कराया जा रहा है । उनके उत्पादों के प्रमोशन तथा बाजार उपलब्ध कराने के लिए पलाश ब्रांड की शुरुआत की गई है। इसका मकसद महिला स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं का सशक्तिकरण करना है । उन्होंने कहा कि सोना -सोबरन धोती -साड़ी योजना के तहत लाभुकों को 10 रुपये में हर साल दो बार धोती- साड़ी उपलब्ध कराया जा रहा है । मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं से भी लोगों को अवगत कराया ।

लाभुकों के बीच बांटी परिसंपत्ति, नियुक्ति पत्र का किया वितरण

बोकारो जिले में विभिन्न सरकारी विभागों में 92 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। वहीं, 189 लोगों के नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का कार्य अंतिम चरण में है । मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से कुछ कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया । इसके अलावा पांच लाभुकों को भूमि पट्टा, चार आजीविका सखी मंडलों को मिनी ट्रैक्टर, दो मत्स्यजीवी सहयोग समिति को मोटर चलित नाव, दो लाभुकों को गाय, तीन लाभुकों को केसीसी, दो महिला स्वयं सहायता समूहों को पूंजी के रूप में 5.72 करोड़ रुपये, तीन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत सम्मान के अलावा लाभुको को वृद्धावस्था, विधवा, राष्ट्रीय पारिवारिक हित लाभ प्रदान किया गया ।

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