रांची: झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन ने सिविल सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए भारतीय कला एवं संस्कृति पर पुस्तक लिखी है। ये भारतीय प्रशासनिक सेवा 2002 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी हैं। भारतीय कला, भारतीय संस्कृति एवं भारतीय विरासत नाम से तीन खंडों में विभाजित करते हुए विभिन्न अध्यायों में विवेचना की गयी है।

डॉ मनीष रंजन ने बताया कि इस पुस्तक में भारतीय कला, भारतीय संस्कृति एवं भारतीय विरासत नामक तीन खंडों में विभाजित करते हुए प्रत्येक खंड की तार्किक दृष्टिकोण से विभिन्न अध्यायों में विवेचना की गई है। इसमें भारतीय कला संस्कृति एवं विरासत के विविध स्वरूपों तथा चित्रकला एवं हस्तशिल्प, वास्तुशिल्प, नाट्य नृत्य, संगीत, मूर्ति एवं स्थापत्य कला, अभिलेख, शिलालेख, पर्व-त्योहार, यूनेस्को की ओर से घोषित विरासत स्थल, भाषा, साहित्य, शिक्षा, धर्म एवं दर्शन आदि ऐसे ही अनेक विषयों को उनके उद्भव काल से लेकर अब तक के ऐतिहासिक विकास क्रम में नवीनतम शोधों से प्राप्त प्रमाणित एवं अद्यतन आंकड़ों के साथ-साथ नए स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है।

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