रांची : शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने झारखंड कैडर के आईएफएस अंशुमन राजहंस को गिरफ्तार किया है। अंशुमन की गिरफ्तारी सियालदह से हुई है। भारतीय वन सेवा के 2020 के झारखंड कैडर के प्रशिक्षु अधिकारी अंशुमन राजहंस की तैनाती फिलहाल चाईबासा में है। हालांकि उन्होंने अभी चाईबासा में योगदान नहीं दिया है। पीड़ित युवती इंजीनियर है और उसने बीते 15 मई को दिल्ली के राजेंद्र नगर थाने में केस दर्ज कराया था। पीड़िता के अनुसार अंशुमन वर्ष 2017 में राजेंद्र नगर में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के सिलसिले में आया था। इसी दौरान ठाणे निवासी युवती से उसकी मुलाकात हुई। इंजीनियरिंग करने के बाद वह युवती भी सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी। इस दौरान दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी और अंशुमान ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाये।वर्ष 2018 में अंशुमान का चयन आईआरटीएस के लिए हुआ। नौकरी लगने के बाद पीड़िता ने जब उसपर शादी का दबाव बनाया, तो उसने अच्छी रैंक आने पर शादी करने का बहाना बनाया। 2020 में अंशुमन का चयन आईएफएस के लिए हो गया। पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने उसके साथ मंदिर में शादी तो की, लेकिन शादी की फोटो नहीं लेने दी। बाद में वह सामाजिक अथवा रजिस्टर्ड शादी करने के वादे से से मुकर गया। इसके बाद पीड़िता ने थाने पहुंच कर मामला दर्ज कराया. पिछले दो दिनों के अंदर अंशुमन राजहंस अखिल भारतीय सेवा के झारखंड कैडर के दूसरे अधिकारी हैं, जिन्हें शारीरिक शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया है। 5 जुलाई को खूंटी के एसडीएम सैयद अहमद रियाज को आइआइटी की छात्रा के शारीरिक शोषण के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
सात से अधिक शहरों में 15 दिन तक छिपता रहा अंशुमन
वन अधिकारी अंशुमन राजहंस का गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद दिल्ली के करोल बाग थाने की एसीपी विदूषी कौशिक की देखरेख एक टीम गठित की गयी।आरोपी के रांची में होने की सूचना पर दिल्ली पुलिस की टीम जब रांची पहुंची, तो पता चला कि वह जमशेदपुर में है। केस दर्ज होने की सूचना मिलने पर अंशुमन ने अपना फोन बंद कर लिया था. फिर पुलिस को उसकी लोकेशन आसनसोल में मिली। करीब 15 दिन तक वह छिपता रहा। पुलिस को सात शहरों में उसकी लोकेशन मिली। 30 जून को पुलिस टीम को उसकी लोकेशन कोलकाता के पास सियालदह इलाके में मिली। इसके बाद उसे दबोच लिया गया।पुलिस ने बताया कि आरोपी अधिकारी व्हाट्सअप के जरिये अपने रिश्तेदारों के संपर्क में रहता था। इसके लिए दूसरे के नंबर से व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करता था। उसने एक फोन नंबर इंटरनेट के लिए रख रखा था।