रांची। कोरोना के कोहराम से पूरे राज्य में दहशत का माहौल है। इसका असर अब सड़कों और बाजारों में दिखने लगा है। लोगों का हुजूम न के बराबर दिख रहा है। लेकिन अस्पतालों के बाहर संक्रमित मरीजों के परिजनों की बेबसी साफ दिख रही है। सरकार की तरफ से किए जा रहे तमाम उपाय कम पड़ते जा रहे हैं। झारखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए डॉक्टरों ने झारखंड में 15 दिन का लॉकडाउन लगाने की मांग की है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. अरुण सिंह ने सीएम से पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि लॉक डाउन लगाए और उसका सख्ती से पालन कराए। देर हो गई तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। एसोसिएशन ने इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी विचार करने की मांग की है। आईएमए के अधिकारियों का कहना है कि वे लोग कॉविड पेशेंट्स, उनकी फैमिली और कम्युनिटी को बचाने के लिए सीमित संसधानों, बेड की कमी तथा दवाएं कम रहने के बाद भी अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं, ताकि मरीजों को बचाया जा सके। डॉ. अरुण सिंह ने पत्र में लिखा है कि अधिकतर डॉक्टर स्ट्रेस में है और डरे हुए है। फिर भी मरीजों की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन मरीजों की तुलना में डॉक्टरों की संख्या काफी कम है। हेल्थ वर्कर और डॉक्टर पर काफी लोड है।
17 डॉक्टर कोरोना के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं एक अधिकारी का कहना है कि अगर उनके दिए गए सुझाव पर सरकार विचार नहीं करती है तो हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे। चूंकि बेड, इक्विपमेंट्स और दवाओं की कमी के कारण हिंसा और विरोध जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। एसोसिएशन ने डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो कराने के लिए सख्ती अपनाने, बेड, इक्विपमेंट्स और मेडिसिन बढ़ाने के लिए काम करने की भी बात कही है।
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