रांची। रिम्स की बदहाली और रिम्स से जुड़े अन्य मामलों में शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को फटकार लगाते हुए कहा कि शर्म आनी चाहिए कि एक ट्रॉली लेने के लिए मोबाइल गिरवी रखना पड़ता है। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने विभिन्न मामलों की सुनवाई एक साथ की। रिम्स से जुड़ी कई रिट याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान रिम्स की बदहाली पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की। वहीं, नियुक्ति से जुड़े मामले पर अदालत कहा कि जांच के लिए कमेटी गठित होगी। इसके साथ कोर्ट ने रिम्स की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिम्स कोर्ट चला रहा। हाई कोर्ट के खंडपीठ में रिम्स में फोर्थ ग्रेड पर होने वाली नियुक्ति से संबंधित मामले में भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने विज्ञापन में की गई गलतियों की जांच कराने की बात कही।

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि विज्ञापन में झारखंड का नागरिक होने की शर्त लगाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। इस दौरान रिम्स ने माना कि अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 नवम्बर की तिथि निर्धारित की है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में अदालत में उक्त पदों पर चयनित हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी थी।

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