रांची। 5वीं विधानसभा के पहले सत्र का पहला दिन बिना विपक्ष के नेता के ही चला। नई विधानसभा में विपक्षी दल भाजपा है। इसके 25 विधायक चुनाव जीत कर आए हैं। झारखंड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार बनने के बाद पहला तीन दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हुआ, लेकिन अलग राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर है कि बगैर नेता प्रतिपक्ष के ही सदन चला। सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर प्रो. स्टीफन मरांडी ने झारखंड के नवनिर्वाचित 78 विधायकों को शपथ दिलायी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन इसपर सर्वसम्मति बनाने के लिए नेता प्रतिपक्ष ही नहीं था।

करारी हार के बाद पार्टी की आंतरिक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव परिणाम आने के 14 दिनों बाद भी विपक्ष में बैठी भाजपा अबतक विधायक दल का नेता भी नहीं चुन पाई है। पार्टी किसी एक विधायक पर सर्वसम्मति नहीं बना पा रही है। इस मामले को लेकर पार्टी पदाधिकारी और विधायक असमंजस की स्थिति में हैं और इसके लिए उनके पास कोई ठोस जवाब भी नहीं है।

हालांकि सत्र शुरू होने से एकदिन पहले 5 जनवरी को भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक हुई। इसमें पार्टी ने सदन में निर्णय लेने के लिए तीन विधायकों की कमिटी बना दी। इनमें खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, रांची विधायक सीपी सिंह और राजमहल विधायक अनंत ओझा को सामूहिक जिम्मेदारी दी गई है।

खरवांस के बाद विधायक दल के नेता पर निर्णय लेगी पार्टीः अनंत ओझा
राजमहल विधानसभा सीट से दूसरी बार जीत कर आये भाजपा विधायक अनंत ओझा ने संस्कृत में शपथ ली। उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि खरवांस के बाद विधायक दल के नेता पर पार्टी निर्णय ले लेगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले सदन में किसी भी मामले या कोई रणनीति बनाने के लिए तीनों विधायकों को अधिकृत किया गया है। आज भी स्पीकर के चुनाव के मामले में तीनों ने मिलकर निर्णय लिया और विपक्ष ने कोई अपना उम्मीदवार नहीं दिया।

स्पीकर का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और द्वितीय अनुपूरक बजट 7 जनवरी को
पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र छह जनवरी से शुरू हुआ। इसमें सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ। इसके अलावा दूसरे दिन 7 जनवरी को स्पीकर का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और द्वितीय अनुपूरक बजट पेश होगा। अंतिम दिन 8 जनवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और मतदान होगा। इसके बाद द्वितीय अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद एवं मतदान होगा।

सिर्फ एक नामांकन, झामुमो के रवींद्रनाथ महतो का स्पीकर बनना तय
78 नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के बाद झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। दोपहर 12 बजे तक नामांकन दाखिल करने का समय निर्धारित था। सत्ता पक्ष के झामुमो विधायक रवींद्रनाथ महतो ने इसके लिए नामांकन किया। इससे स्पष्ट हो गया है कि रवींद्रनाथ महतो का स्पीकर बनना लगभग तय है।

छह माह के अंदर होगा दुमका विस सीट पर उपचुनाव

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो सीटों दुमका और बरहेट से चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों पर उनकी जीत हुई थी। उन्होंने आज दुमका सीट से इस्तीफा दे दिया और बरहेट के विधायक के रूप में शपथ ली। अब छह माह के अंदर दुमका सीट पर उपचुनाव होना तय है। सूत्रों की मानें तो हेमंत के छोड़ने के बाद दुमका सीट से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने की चर्चा है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि झामुमो ने नहीं की है।

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