पिछले 3 दशक में पहली बार बिहार में विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव नहीं दिख रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से वे नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते रहे हैं. लालू के ट्वीटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि यह डबल इंजन नहीं ट्रबल इंजन है. लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को वापस लाने के वक्त डबल इंजन कहां था.

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से बिहार में डबल इंजन नहीं ट्रबल इंजन की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज सुबह एक टिप्पणी के बाद आई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को छपरा में अपने चुनावी भाषण में कहा था कि बिहार में एक तरफ डबल इंजन की सरकार है तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं. एक तो जंगल राज के युवराज भी हैं. बिहार में एक तरफ डबल इंजन की सरकार है जो बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज हैं जो अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

डबल इंजन की सरकार और डबल-डबल युवराज वाले बयान पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए ट्वीट किया कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने यह नहीं बताया कि डबल इंजन सरकार के चलते बिहार की बेरोजगारी दर 46.6% क्यों है? बिहार के हर दूसरे घर से पलायन क्यों होता है? NCRB के आंकड़ो में बिहार अपराध में अव्वल क्यों है? नीति आयोग के अनुसार शिक्षा स्वास्थ्य क्षेत्रों में बिहार फिसड्डी क्यों है?

यही नहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी पीएम मोदी के इस भाषण पर हमला करते हुए कहा कि माननीय मोदी जी, 2015 चुनाव में नीतीश कुमार जी को “18वीं सदी की मानसिकता वाला” बता गए थे. आज उन्हें छपरा में “डबल इंजन”बता रहे. सच ये है कि ये “डबल धोखे” की सरकार है. एक “जुमलेबाज” और एक “धोखेबाज”,बिहार की जनता करेंगे दोनों का इलाज!

इससे पहले चारा घोटाला के तीन मामलों में बेल पा चुके लालू प्रसाद यादव की जमानत को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है. चारा घोटाले के दोषी लालू यादव 5 में से 4 मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं. लेकिन इन 4 मामलों में से 3 में उन्हें जमानत मिल चुकी है. सीबीआई इस जमानत को चुनौती देने जा रही है.

इस वक्त लालू पर चारा घोटाले के पांचवें मामले में सुनवाई चल रही है. ये मामला डोरंडा कोषागार से अवैध रूप से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है. अगर लालू को दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये के अवैध निकासी के मामले में जमानत मिल जाती है तो उनके जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा. हालांकि इस मामले की सुनवाई 6 नवंबर के बाद ही संभव है क्योंकि त्योहारों की छुट्टियों के बाद झारखंड हाईकोर्ट खुलेगा और सुनवाई हो सकेगी. दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को 2 धाराओं में 7 साल की सजा हुई है.

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