रांची। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा।लालू के जमानत मामले पर अब 5 फरवरी को सुनवाई होगी। शुक्रवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू की जमानत पर सुनवाई हुई। दरअसल इस केस में लालू की ओर से सप्लीमेंट्री एफिडेविट दायर की गयी थी और उसकी कॉपी सीबीआई को सौंपने के लिए कोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया है। सीबीआई एक सप्ताह के बाद सप्लीमेंट्री एफिडेविट पर जबाव दाखिल करेगी। जिसके बाद ही लालू यादव की जमानत पर सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव की ओर से Cr/668/2018 फाइल किया गया था। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू ने जमानत मांगी थी। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को सात साल की सजा सुनाई है। स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लालू प्रसाद यादव ने जेल से जल्द रिहायी के लिए अदालत से गुहार लगायी थी। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने झारखंड हाइकोर्ट से उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए अपने अधिवक्ता के माध्यम से मेशन फाइल कर अदालत से आग्रह किया था, ताकि उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाये। इसके साथ ही दुमका कोषागार से जुड़े मामले की एलसीआर भी जवाब के रूप में कोर्ट में दाखिल कर दी गयी थी। सीबीआई ने अदालत में दायर किये गये अपने जवाब में कहा है कि लालू जिस मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं। उस मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा मुकर्रर सजा की आधी अवधि पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का मामला भी अपने जवाब में उठाया है। इसके आधार पर सीबीआई का कहना है कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू एक दिन भी जेल में नहीं रहे हैं। सीबीआई ने सीआरपीसी की जिस धारा 427 का जिक्र किया है। उसके तहत किसी व्यक्ति को अगर एक तरह के मामले में कई बार सजा मिली है तो निचली अदालत द्वारा अपने आदेश में यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जबकि सीबीआई का दावा है कि लालू की ओर से निचली अदालत में इस तरह कोई आदेश नहीं दिया गया है। इसी आधार पर सीबीआइ का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार में भी एक दिन की सजा नहीं काटी है।
इधर, लालू की सेहत में सुधार हुआ है। दिल्ली एम्स में भर्ती लालू को सीसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

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