रांची। राजधानी रांची में भय और दहशत के बाद रविवार सुबह से जिंदगी पटरी पर लौट रही है। रांची में स्थिति को नियंत्रण में देखते हुए रविवार अहले सुबह चार बजे इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। हालांकि अभी भी रांची में धारा 144 लागू है। दूसरी तरफ उपद्रवियों की पहचान की कवायद जारी है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक लोउर बाजार थाना, हिंदपीढ़ी थाना और डेली मार्केट थाना में 20 से ज्यादा लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं मेनरोड से लेकर हिंदपीढ़ी के बीच अभी भी पुलिस बल तैनात है।

बताया जाता है कि सुबह से लोग रोजमर्रा के कामकाज के लिए सड़कों पर उतरे। सड़क के किनारे सब्जी और मछली की दुकानें सुबह से ही सजने लगी है। हालांकि प्रशासन भी सजग है। सड़क के चौक चौराहे पर पुलिस जवानों की लगातार तैनाती है। खासकर संवेदशील इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस और प्रशासन के कदमों को स्थानीय लोगों की भी मदद मिल रही है। शहर में अभी भी निषेधाज्ञा लागू है।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए एहतियातन चर्च कमेटी रविवारीय प्रार्थना गिरजाघरों में नहीं करने का निर्णय लिया है। श्रद्धालु घर से ही रविवारीय आराधना करेंगे। स्थानीय प्रबुद्ध लोग भी हर हाल में शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं।

उल्लेखनीय है कि नुपुर शर्मा के बयान पर आक्रोशित मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार को राजधानी के मेन रोड में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। प्रदर्शन के दौरान कुछ उपद्रवियों ने पत्थऱबाजी कर दी थी। इसके बाद स्थिति असामान्य हो गई थी। पुलिस को फायरिंग करनी पड़ गई थी। दोनों ओर से गोलियां चली थी। इस गोलीबारी में कम से कम दो लोगों की मौत हुई है और एक दर्जन से अधिक घायल हुए हैं। इस घटना के बाद से शहर में तनाव था। बाजार बंद थे। आवाजाही पर पुलिस का पहरा था। शनिवार को शहर में सन्नाटा पसरा रहा। मगर अब रविवार की सुबह से हालात सामान्य हो रहा है।

जानकारी के अनुसार रांची में पहली बार इंटरनेट सेवा बंद की गई थी। शुक्रवार शाम को एहतियात बरतते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।

मुख्यमंत्री ने जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की

इधर, पुलिस ने अपद्रवियों के खिलाफ नौ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें 20 नामजद समेत 10 हजार से अधिक अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपद्रव की घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी में आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर को रखा गया है। कमेटी को सप्ताह के दौरान रिपोर्ट देनी है। इंटरनेट बंद होने के कारोबार पर व्यापक असर पड़ा है।

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