रांची। झारखंड में करीब एक साल से बंद कक्षा आठवीं, नौंवी और 11वीं की कक्षाएं मार्च महीने में शुरू होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को रांची में हुई राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार में कई अन्य छूट भी देने का निर्णय लिया गया।

राज्य सरकार ने कॉलेज, कोचिंग संस्थान, पार्क, सिनेमाघर, कौशल विकास केंद्र, आठवीं, नौवीं और 11वीं के क्लास शुरू करने पर लगे प्रतिबंध को एक मार्च 2021 से समाप्त करने का भी निर्णय लिया है । हालांकि अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी और विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। 25 फरवरी से आईटीआई संस्थानों में पठन-पाठन शुरू करने का निर्देश दिया गया है। वहीं यूनिवर्सिटी यूजीसी की गाइड लाइन के अनुरूप कार्य करने को स्वतंत्र है। कोरोना संक्रमण को लेकर जारी गाइडलाइन को पूर्ण रूप से पालन करना अनिवार्य होगा।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ शुरू करने पर सहमति जताई की गयी और पार्क खोलने पर लगे प्रतिबंध को भी एक मार्च से हटाया जा रहा है। इसके अलावा किसी प्रकार के खेल या कार्यक्रम के आयोजन में खुली जगह पर अधिकतम एक हजार दर्शकों के साथ आयोजित करने की अनुमति सरकार एक मार्च से दे रही है। स्विमिंग पूल फिलहाल स्पोर्टस पर्सन के लिए शुरू किये जाएंगे।

मेला और प्रदर्शनी में अधिकतम 1000 लोगों की उपस्थिति को अनुमति दी गयी है, वहीं खेलकूद प्रतियोगिता भी अधिकतम 1000 दर्शकों की उपस्थिति में आयोजित होगी। 1अप्रैल से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है, लेकिन केंद्र के खुलने के पहले आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं का पूर्ण टीकाकरण हो जाएगा।

एयरपोर्ट पर जांच की व्यवस्था हो, पार्क जा सकेंगे लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों में कमी जरूर आई है, लेकिन संक्रमित लोग अब भी हैं। इसके लिए एहतियात जरूरी है। रांची एयरपोर्ट और प्रमुख रेलवे स्टेशन में बाहर से आने वालों के सैम्पल कलेक्शन की व्यवस्था करें। इस कार्य मे एयरपोर्ट को प्रमुखता दें। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया किया आंगनबाड़ी केंद्रों को एक अप्रैल से शुरू करें, इससे पूर्व आंगनबाड़ी सेविका का टीकाकरण सुनिश्चित होना चाहिए।  हेमंत ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल अभी समाप्त नहीं हुआ है। राज्यवासी इसे नजरअंदाज न करें। इसके प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। लोगों को जागरूक करने का अभियान रुकना नहीं चाहिए।  गाइडलाइंस का हनन किसी हाल में न हो। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री   बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव   अमिताभ कौशल एवं विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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