रांची। नक्सलियों से मोर्चा लेकर बड़ी कामयाबी हासिल कर चुकी झारखंड पुलिस के सामने अब नई चुनौती पेश होने वाली है। अब तक उग्रवादियों और अपराधियों के हथियार सप्लाई का प्रमुख केंद्र रहे राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध हथियार के उत्पादन की तैयारी है। खुफिया एजेंसियों को मिले नए सुराग के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।

नई जानकारी में कहा गया है कि अब तक अवैध हथियारों की सप्लाई में शामिल रहे माफिया युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बिहार के मुंगेर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और पड़ोसी देश नेपाल के काठमांडू भेज रहे हैं। इन युवाओं की ट्रेनिंग पर 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक खर्च किए जा रहे हैं। इसमें तीन से छह महीने तक का समय लग रहा है।

हथियारों के प्रकार, लोहे की क्वालिटी के बारे में दी जा रही जानकारी

अवैध ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को हथियार के अलग-अलग प्रकार के पिस्‍टल बनाने के तरीके तथा इसमें इस्तेमाल होने वाले लोहे की क्वालिटी के बारे में बारीकी से जानकारी दी जा रही है। झारखंड के रांची सहित राज्य के कई जिलों में मिनी गन फैक्ट्रियां शुरू हो गई हैं। इसमें एक लेथ मशीन लगाकर कट्टा का बैरल, पिस्टल की बैरल, मुठ और स्प्रिंग तैयार कर रहे हैं।

इसके अलावा जो इंटरनल और कीमती पार्ट्स हैं, उन्हें अलग से मंगवाया जा रहा है। हथियारों की बिक्री के लिए उनके अलग-अलग कोडवर्ड हैं। हथियार और गोलियों के लिए जूता, मोजा, सुई धागा और चावल जैसे नाम दिए गए हैं। हथियार बनाने के लिए स्प्रींग से कंप्रेशर तैयार किया जा रहा है। सामान्य लोहे की रड का बैरल तैयार किया जाता है।

झारखंड को अवैध हथियारों के उत्पादन का नया केंद्र बनाने के लगातार मिल रहे इनपुट के बावजूद अब तक पुलिस की तरफ से इसकी रोक के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाकर काम नहीं हो रहा है। गत वर्ष 22 मार्च 2019 को सदर थाना क्षेत्र के रिम्स के समीप स्थित मोहल्ला टूनकी टोला में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हो चुका है।

कार्रवाई

केस 01

03 नवंबर को बरियातू थाने की पुलिस ने हथियार की खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को टैगोर हिल और चेशायरहोम से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में एदलहातू के अमित झा और चेशायरहोम निवासी अश्विनी कुमार जायसवाल शामिल हैं। आरोपियों के पास से पुलिस ने एक पिस्टल बरामद किया है। वहीं एक अन्य आरोपी बिहार के समस्तीपुर निवासी बब्बू पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

केस 02

31 अक्टूबर को पिठोरिया इलाके से हथियार का सप्लायर मधुसूदन महली उर्फ माधव गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक पिस्टल और 19 गोलियां बरामद की गई थी। वाहन चेकिंग के दौरान आरोपित को पकड़ा गया था।

केस 03

24 अक्टूबर को सुखदेवनगर थाना के सामने हत्या करने वाले नाबालिग को पकड़ने के दौरान पिस्टल भी बरामरद हुआ था।

केस 04

07 अक्टूबर को हथियार के साथ पीएलएफआइ उग्रवादी पुनई दस्ते के पांच उग्रवादी कांके थाना क्षेत्र के संग्रामपुर गांव से पकड़े गए थे।

केस 05

01 अक्टूबर को हथियार के साथ पीएलएफआइ के तीन उग्रवादी गिरफ्तार किए गए थे। सभी को कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड के पास से दबोचा गया था।

केस 06

12 जुलाई को रांची पुलिस ने चार कोयला कारोबारियों की हत्या करने आए पांच कुख्यात अपराधियों को 10 पिस्टल और 43 जिंदा कारतूस समेत कई अन्य सामानों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

केस 07

18 अगस्त को बिल्डर और जमीन कारोबारी से दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और कंस्ट्रक्शन कार्यालय में गोली चलाने के मामले में चार अपराधी रविरंजन, फिरोज अंसारी, अमित उरांव और कुलदीप गोप को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से एक देसी कार्बाइन, हैंड ग्रेनेड, 9 एमएम और 7.65 एमएम की 14-14 गोलियां सहित कई सामान बरामद किया था। रंगदारी मांगने की साजिश जमशेदपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने रची थी।

केस 08

30 अगस्त को पीएलएफआइ के तीन उग्रवादी विनय तिग्गा, कचना पाहन और सन्नी कच्छप को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए उग्रवादी के पास से दो पिस्तौल, 29 कारतूस सहित अन्य सामान बरामद किया गया था।

केस 09

3 सितंबर को खलारी थाना क्षेत्र में किसी घटना को अंजाम देने के लिए घूम रहे तीनों अपराधी संजय कुमार गंझू, रविंद्र गंझू उर्फ मिथुन और विकास कुमार गंझू को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अपराधी चतरा जिले के पिपरवार इलाके के रहने वाला था। आरोपी के पास से पुलिस ने दो दोनाली देशी कट्टा, .303 बोर का तीन जिंदा गोली सहित कई अन्य सामान बरामद किया।

इस वर्ष अबतक आर्म्‍स एक्ट के मामले

जनवरी       फरवरी    मार्च     अप्रैल      मई      जून     जुलाई

रांची               8                 7           3           4           4         3         10

झारखंड         54              46         48         27        31        34        53

अवैध हथियारों का रेट

देशी कटटा – दो हजार से पांच हजार रुपये

नाइन एमएम पिस्टल – 15 हजार से 45  हजार रुपये

कारबाइन – एक लाख से डेढ़ लाख रुपये

सिक्सर – छह हजार से 15 हजार रुपये

‘हथियार तस्करी या अवैध हथियार के साथ घूमने वाले अपराधियों की सूचना पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बड़े पैमाने पर हथियारों के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है। असेंबल कर हथियार बेचने और तस्करों के ट्रेंड होने की सूचनाएं मिल रही है।’ -सुरेंद्र कुमार झा, एसएसपी रांची।

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