रांची। प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा सहायक पुलिसकर्मियों की सीधी नियुक्ति के संबंध में उठाये गये सवाल पर कहा है कि सारी व्यवस्था को चौपट और तहस-नहस करने के बाद अब वे बिना सिर-पैर का सलाह देते फिर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता और अमूल्य नीरज खलखो ने कहा कि रघुवर दास को अपने कार्यकाल में सहायक पुलिसकर्मियों को स्थायी कर देना चाहिए था।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यह सभी को पता है कि पुलिस की ट्रेनिंग में किन कठिन अभ्यास और मापदंडों का पालन करना पड़ता है। रघुवर दास को बताना चाहिए कि सहायक पुलिसकर्मियों को किस तरह की ट्रेनिंग दी गयी और अपने कार्यकाल में ही इन्हें स्थायी क्यों नहीं कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने और सभी सरकारी कार्यालयों एवं विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जेपीएससी और जेएसएसी के माध्यम से शुरू करने जा रही है। लेकिन पिछली सरकार की तरह रोजगार के नाम पर सिर्फ युवाओं छलने का काम कतई नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखंड और स्वामी विवेकानंद की जयंती पर एक लाख युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर किस तरह का खेल हुआ। यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। इसलिए कांग्रेस-झामुमो व रादज गठबंधन सरकार ऐसा कोई भी काम नहीं करेगी, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाए। राज्य सरकार की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि हर युवा को रोजगार और स्वरोजगार मिले।
प्रवक्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच के लिए अधिकतम दर को 2400 से घटाकर 1500 रुपये किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन इसके बावजूद चंद निजी अस्पताल आपदा की इस घड़ी को भी अवसर में बदलते हुए जिस तरह से अकूत संपत्ति बनाने में जुटे है। वैसी स्थिति में इन पर कड़ाई जरूरी है। क्योंकि आज स्वास्थ्य सुविधाएं आम लोगों और गरीबों की पहुंच से दूर होती जा रही है। राज्य सरकार की ओर से इस मसले पर जल्द से जल्द कठोर कदम उठाये जाने की जरूरत है, ताकि सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
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