रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और विधायक दल के नेता सुदेश कुमार महतो ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की हालत पर चिंता जताई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि ट्रकों, बसों और अन्य गाड़ियों से घर लौट रहे मजदूरों को सरकार लौटने में उनके द्वारा खर्च की गई राशि का भुगतान करे।

उन्होंने कहा है कि देश के कई कई जगहों से निजी खर्च पर झारखंड के मजदूर जत्थे में वापस हो रहे हैं। इसमें एक- एक मजदूर भाई को दो से पांच हजार रुपए वहन करना पड़ रहा है। कई मजदूर घर से पैसे मंगाकर वापस लौट रहे हैं। घर के लोग कर्ज लेकर पैसे भेज रहे हैं। इसलिए सरकार को इस मामले में संवेदनशील तरीके से आगे बढ़कर उनके वापसी का खर्च उठाना चाहिए।  इसके साथ ही सरकार ये सूचनाएं सार्वजनिक करे कि कहां से और किन तारीखों को प्रवासी मजदूर लौट सकेंगे। कब- कब किन स्टेशनों से रेलगाड़ियां चलने की अनुमति दी गई है।

सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि खुद सरकार ने इसकी जानकारी दी है कि लगभग 7 लाख प्रवासी मजदूरों ने घर लौटने के लिए निबंधन कराया है। विभिन्न समाचार माध्यमों जो जानकारी मिल रही है उस मुताबिक अब तक डेढ़ लाख ही लोग घट लौट सके हैं।  जाहिर है अब भी साढ़े पांच लाख लोग देश के दूसरे हिस्सों में फंसे हैं। लॉकडाउन के 50 दिन से ज्यादा होने की वजह से उनके सामने रहने- खाने की दिक्कतें ज्यादा हो गई है। राज्य सरकार को योजनाबद्ध तरीक़े से उनके भोजन की व्यवस्था करनी चाहिये। अगले कुछ दिनों तक देश के अलग- अलग हिस्सों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें झारखंड आने वाली हैं। सरकार को इसकी सूचना जारी करनी चाहिए, मज़दूरों को भी समय समय पर सूचित करना चाहिये ताकि मजदूर घबराहट और बेचेनी के बीच जैसे- तैसे घर वापसी के लिए नहीं निकलें। प्रवासी मज़दूरों में घर लौटने हेतु परिवहन की अनिश्चितता को दूर करना ज़रूरी है ।

उन्होंने कहा है कि सरकार मज़दूरों को यह भी बताए कि आने वाले किस दिन ट्रेन किस स्टेशन से चलेगी, ताकि बाहर फंसे मजदूर आश्वस्त हो सकें कि उनकी वापसी की बारी भी सुनिश्चित है। जबकि यह सुनिश्चित नहीं होने से मजदूर सड़कों पर निकल जा रहे हैं।

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