RANCHI. राज्य सरकार दूसरे राज्यों में रहकर रोजी-रोटी कमाने वाले श्रमिकों की मदद को माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर की स्थापना और संचालन में योग्य एजेंसियों की मदद लेगी। इसके लिए झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी (श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग, झारखंड) ने पहल की है। इस क्रम में मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत देश के अलग अलग राज्यों में ऐसे सेंटर तैयार किए जाएंगे। जेएसडीएमएस के मिशन डायरेक्टर सह सीईओ की ओर से इस संबंध में सूचना भी जारी कर दी गयी है।

इसके तहत त्रिपुर (तमिलनाडु), पुणे (महाराष्ट्र), बेंगलुरू (कर्नाटक), नीमराणा (राजस्थान), हैदराबाद (तेलंगाना), चेन्नई (तमिलनाडु), अहमदाबाद या सूरत (गुजरात) और दिल्ली एनसीआर (नोएडा, फऱीदाबाद) में माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर तैयार किये जाने की योजना बनी है। एनआईटी (निविदा आमंत्रण सूचना) जारी करते कहा गया है कि वेबसाइट https://jharkhandtenders.gov.in/nicgep/app की मदद से माइग्रेशन सेंटर की स्थापना औऱ संचालन के अलावा टेंडर प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। एक जुलाई 2023 तक इसके लिए आवेदन किए जा सकेंगे। तीन जुलाई को इसे खोला जायेगा। टेंडर डॉक्यूमेंट की लागत 10 हजार रुपये और इएमडी के तौर पर 25 हजार रुपये लगेंगे। डोरंडा (रांची) स्थित श्रम भवन के पते पर टेंडर संबंध में जानकारी के लिए संपर्क किया जा सकता है।

कौशल विकास मिशन के मुताबिक माइग्रेशन सेंटर खोले जाने से दूसरे राज्यों में कार्यरत झारखंड के श्रमिकों की समस्याओं की सुनवाई और उसके त्वरित निदान में मदद मिलेगी। अभी कुल मिलाकर स्थिति यही रहती है कि श्रमिकों के काम, उसके भुगतान और अन्य सुविधाओं के मसले पर कोई ढ़ंक का प्लेटफ़ॉर्म अलग अलग राज्यों में उनके पास नहीं है। हालांकि स्टेट लेवल पर श्रम विभाग की ओर से स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम का संचालन किया जा रहा है।

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