रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा है कि केंद्रीय कैबिनेट में लिया गया फैसला जिसमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी मुनाफाखोर एवं जमाखोरी को बढ़ावा देने का निर्णय है। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसान, मजदूर, आमजन विरोधी है और मुनाफाखोर, जमाखोरों के लिए सुरक्षा कवच है, ताकि उसे लूट के छूट की संवैधानिक संरक्षण प्राप्त हो। झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को कहा कि जीवन यापन के लिए भोजन के समस्त वस्तुओं को यदि आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया जाए तो स्पष्तः इन वस्तुओं पर बड़े पूंजीपति घरानों के रिटेल मार्ट के चेन को मजबूत करना होगा और अब यही पूंजीपति वर्ग आवश्यक या जीने के लिए जरूरी भोजन के दाम तय करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को लालच देकर उनसे उनकी उपज औने पौने दामों पर खरीद कर जितनी चाहे उतनी भंडारण की छूट अब सीधे पूंजी पतियों के अधिकार में होगी। देश में किसी भी तरह का प्राकृतिक विपदा या आपात स्थिति में भी इन्हीं जमाखोरों, मुनाफाखोरों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और वह मनमाने ढंग से भोजन पदार्थों के दाम तय करेंगे।
भट्टाचार्य ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण काल में जहां देश की आधे से अधिक आबादी एक जून के भोजन को तरस रहे हों, जेबों में पैसे खाली हों, उस परिस्थिति में रिलायंस फ्रेश, स्पेंसर सुविधा, बिग बाजार जैसे कई शहरों में सुपर मार्ट की लंबी श्रृंखला को मजबूती के दृष्टिकोण से केंद्रीय कैबिनेट का इस फैसले का हम विरोध करते हैं।

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