रांची। झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन के अंदर सहारा इंडिया द्वारा झारखंड के लोगों का पैसा हड़पने का मामला उठा। गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने सदन में ध्यानाकर्षण के जरिए सहारा इंडिया द्वारा झारखंड के लोगों का पैसा हड़पने का मामला उठाया।

लंबोदर महतो ने राज्य सरकार से पूछा कि जमाकर्ताओं का पैसा निकालने के लिए क्या किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में सिर्फ गोमिया रीजन से जमाकर्ताओं का 500 करोड़ का भुगतान राशि बकाया है। इसमें निवेशकों का मूलधन करीब एक अरब 70 करोड़ है, जो ब्याज लेकर सहारा मुख्यालय से जमाकर्ताओं को वाउचर के माध्यम से 500 करोड़ रुपया जमा कर्ताओं को देनी है।
गोमिया रीजन कार्यालय में करीब 16 ब्रांच आते हैं और जमाकर्ताओं संख्या करीब एक लाख है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं अगर देनदारी की बात की जाए और करीब एक सौ करोड़ रुपए का मामला है। निवेशकों को पैसा नहीं लौटाने के कारण कितने लोगों ने खुदकुशी भी कर ली है।

उन्होंने कहा कि गोमिया विधानसभा क्षेत्र के तीन प्रखंडों से सहारा इंडिया ने तीन सौ करोड़ रुपए से अधिक की राशि हड़प लिया है। पेटरवार प्रखंड के पांच हजार से अधिक निवेशकों के सात करोड़, गोमिया प्रखंड के अठारह हजार निवेशकों के 274 करोड़ रुपए और कसमार प्रखंड के सात से अधिक निवेशकों के सात करोड़ रुपए हड़प लिए हैं। सिर्फ विधानसभा क्षेत्र में करीब 300 करोड़ रुपये सहारा ने निवेशकों का हड़प करके रखा है।
इस पर राज्य सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सहारा इंडिया का मामला राज्य सरकार के अधीन नहीं आता है। गोमिया विधायक ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। गरीब, मजदूर और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार का सहारा इंडिया पैसा हड़प हुआ है। इसकी गंभीरता को देखते हुए विधानसभा के द्वारा एक विशेष कमेटी बनाई जाए। उन्होंने मांग किया कि सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत राय को उस कमेटी के सामने पेश कराया जाए।

उन्होंने कहा कि देशभर के तीन करोड़ जमाकर्ताओं ने कुल 24 हजार करोड रुपये जमा कराए हैं। इसमें से अब तक मात्र पांच हजार 120 करोड़ दावाकर्ताओं को मिले हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार जमाकर्ताओं के पैसे को लेकर चिंतित है। सहारा इंडिया से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। यह सिर्फ झारखंड का ही नहीं देश की समस्या है।
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सूचना के माध्यम से मांग किया कि थानों को आदेश दिया जाय कि सहारा इंडिया से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज हों। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार का हवाला देते हुए कहा कि वहां ऐसा किया जा रहा।

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