रांची। झारखंड में ग्राम पंचायतों के सभी निवर्तमान मुखिया के हस्ताक्षर से पंचायतों के बैंक अकाउंट के संचालन पर रोक लग गई है। 15वें वित्त आयोग और मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में पेमेंट करने का अधिकार उनके पास नहीं रह गया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को आगामी छह महीने के लिए विस्तार देने का निर्णय लिया है लेकिन इससे संबंधित अधिसूचना अब तक जारी नहीं की गई है। ऐसे में राज्य में प्रखंड कार्यालयों से इस आशय का आदेश जारी किया जा रहा है कि कार्यकाल पूरा होने की वजह से ग्राम पंचायतें स्वतः विघटित हो गई है। इस वजह से ग्राम पंचायतों की कार्यकारी समितियों के प्रधान के माध्यम से सरकारी योजनाओं का भुगतान बंद कर दिया जाए। हालांकि मुखिया यह मांग कर रहे हैं कि भुगतान का अधिकार बरकरार रखा जाए। वहीं दूसरी ओर मनरेगा के तहत भुगतान का अधिकार भी अब बीडीओ के हाथ में चला गया है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायतों की त्रिस्तरीय व्यवस्था को दूसरी बार छह महीने का विस्तार देने से जुड़े अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिल चुकी है। झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर 2020 को ही समाप्त हो गया था।

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