रांची। बालिका शिक्षा, विद्या भारती झारखण्ड के संकुल स्तर तक के प्रमुख एवं सह प्रमुखों का ऑनलाइन तीन दिवसीय अभ्यास वर्ग का उद्घाटन गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रेखाचूडा समा ( अखिल भारती बालिका शिक्षा प्रमुख ) ने कहा कि बालक और बालिका की शिक्षा अलग-अलग नहीं, बल्कि एक ही है। आज लड़कियां नौकरी पेशा में जाती हैं तो उस स्थिति में लडकों को भी भोजन बनाना आना चाहिए, तभी शुद्ध भोजन मिलना संभव हो पाएगा, जो आज की आवश्यकता है। प्रत्येक बालिका अपने कौशल का विकास कर आत्मनिर्भर बने। आज परिवार के साथ -साथ राष्ट्र के लिए भी जरूरी है। इसके लिए बहुत सारी सरकारी योजनाऐं भी हैं उसकी जानकारी रखते हुए लाभ उठाना चाहिए ।
सभी विभाग प्रमुख से आग्रह किया कि अपने-अपने विभाग में इसकी योजना बनायें। विद्या भारती उत्तर-पूर्व क्षेत्र के मंत्री एवं विद्या विकास समिति झारखण्ड के प्रदेश मंत्री राम अवतार नारसरिया ने कहा कि बालिका शिक्षा के बिना देश का विकास असंभव है। हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का अध्ययन करना चाहिए। यह इस सदी की महत्त्वपूर्ण घटना है। क्षेत्रीय सचिव उत्तर-पूर्व क्षेत्र सह प्रांतीय सचिव मुकेश नंदन ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए बालिकाओं में मातृत्व, कर्त्तृत्व एवं नेतृत्व के विकास करना होगा। साथ ही, नारी स्वरूप का बोध कराना होगा तभी वह धर्म, संस्कृति और परिवार की रक्षा के लिए तत्पर होंगी। इस अवसर पर विद्या विकास समिति झारखण्ड के सह सचिव अजय कुमार तिवारी, विवेक नयन, रंजना कुमारी आदि उपस्थित थे।
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