रांची। राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि तुम तूफान बन जाओ कि दुश्मन डर जाएं। जाति, धर्म और वर्ग का भेद मिटाकर सबके लिए जीने की मंशा के साथ खुद में देश के प्रति अभिनंदन जैसा जज्बा पैदा करो। ताकि राष्ट्र को उस ऊंचाई तक पहुंचाया जा सके, जहां देश एकबार फिर विश्वगुरु के आसन पर विराजमान हो।

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चारदिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू वैचारिक विमर्श सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं। शिवाजी मैदान में बसाये गये नीलांबर-पीतांबर नगर में आयोजित सत्र में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकलापों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारी 65 प्रतिशत आबादी युवा शक्ति की है। ऊर्जावान युवाओं के लिए यह एक ऐसा मौका है जब देश को सुपर पावर अर्थात विश्वगुरु के रूप में वे फिर से स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े ऊर्जावान युवाओं ने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए कई कार्य किए हैं। जिससे देश निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

राज्यपाल मुर्मू ने कहा कि युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की बातों को जीवन में उतारते हुए देश के युवा खुद को इतना मजबूत करें कि उनके सामने हर बाधाएं कमजोर साबित हों। विवेकानंद स्वयं सभी धार्मिक ग्रंथों के अध्येता, योगी और संन्यासी होने के बाद भी युवाओं को तपस्या करने की नहीं, बल्कि अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाने का संदेश दिया है। इस ऊर्जा को बेकार न गंवाते हुए उन्होंने देश सेवा के लिए इसका इस्तेमाल करने की बात कही है।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बॉर्डर पर देश की निगरानी करने वाले और हमारे लिए खेतों से अनाज पैदा करने वाले युवाओं से लेकर कल-कारखानों में काम करने वाले युवा सभी मन में ठान लें कि देश अपना है। ऐसा ही आत्मविश्वास पैदा करके देश को हम उस मंजिल तक पहुंचा सकेंगे, जो हमारी सोच रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती। हमें नौकरी लेने वाला नहीं, बल्कि नौकरी सृजित करने वाला बनना चाहिए। हम सबको कुछ करना होगा, तभी हमारा पूर्व का गौरव लौट सकेगा। उन्होंने कहा हमें हमारे भारत का भविष्य उज्ज्वल दिखता है, इसके लिए यह जरूरी है कि हम यूनिटी के साथ-साथ प्योरिटी के साथ काम करें। जिस तरह विवेकानंद की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था, उसी तरह हमें दृढ़ संकल्पित होकर अपने कहे पर अमल करने के लिए आगे बढ़ना होगा। राजपाल ने एबीवीपी के प्रांतीय सम्मेलन में युवा छात्रों को आगे बढ़ने की शुभकामना देते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसे ही काम करता रहा तो संगठन के छात्र अपने लक्ष्य को अवश्य पूरा करेंगे।

उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि आपसी जाति व वर्ग भेद को भुलाकर एकता के साथ काम करने की जरूरत है। इस यूनिटी के साथ प्योरिटी भी जरूरी है, क्योंकि कथनी और करनी में फर्क होने अथवा अंतर्द्वंद की स्थिति में हम भारत को मंजिल तक पहुंचाने में कमजोर साबित होंगे। इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी एक संकल्प के साथ देश को गौरवशाली बनाने के लिए आगे बढ़ें।

स्वागत भाषण सोनू सिंह नामधारी एवं धन्यवाद ज्ञापन स्वागत समिति के मंत्री अमित तिवारी ने किया। मंच संचालन प्रदेश मंत्री रौशन सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कुलपति एसएन सिंह, महिला महाविद्यालय की प्राचार्या मोहिनी गुप्ता, प्रांत प्रमुख श्रवण सिंह, अधिवेशन संयोजक अरविंद गोस्वामी, प्रो. सुभाषचंद्र मिश्र, क्षेत्रिय संगठन मंत्री निखिल रंजन, प्रांत संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, श्याम नारायण दुबे, मेयर अरुणा शंकर, मनोज सिंह, संजीव मिश्र राजन, रेनुका पाण्डेय, प्रो. केसी झा, रोहित पाठक, ज्योति पाण्डेय, श्वेतांक गर्ग, श्वेत रंजन, सतीश तिवारी, सूर्यकांत कुमार, राजीव रंजन देव पाण्डेय, राहुल देव, रामशंकर पासवान, प्रिंस पाण्डेय, आशीष वैद्य, समशेर सिंह, प्रभात सिंह, अमृता भट्ट, स्नेहा कुमारी, आरती कुमारी, निधि कुमारी, खुशबू, गोविंद मेहता, राहुल भट्ट, प्रकाश राय, पप्पू जायसवाल, मनीष तिवारी, चन्दन दुबे आदि उपस्थित थे।

हथियार के बल पर नहीं, ज्ञान से भारत को विश्व गुरु बनायेंगे : केएन रघुनंदन
निवर्तमान राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री केएन रघुनंदन ने कहा कि हमलोग हथियार के आधार पर नहीं ज्ञान के आधार पर भारत को विश्वगुरु बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने तीन चुनौतियां हैं। पहला राष्ट्र पुनर्निर्माण, दूसरा देश का विकास और तीसरा देश की व्यवस्था में परिवर्तन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् देश की आजादी के बाद बना एक ऐसा संगठन है जिसने हर चुनौतियों को स्वीकार किया है। देश के पुनर्निर्माण, विकास और व्यवस्था परिवर्तन से लेकर उसने हर चुनौती को स्वीकार कर देश को गौरवशाली बनाने की ओर आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश को सुपर पावर बनाने को अभाविप ने मिशन के रूप में लिया है। हमारा यह प्रयास रहा है कि हम केवल समस्याओं को गिनाते नहीं, बल्कि उसके समाधान की दिशा में भी कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमारी शिक्षा भारत केंद्रित हो, ऐसी मांग हमारी रही है।

हम सब भारत मां के लाल, छुआछूत का कहां सवाल: निधि त्रिपाठी

राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में महादेव गोविंद रानाडे की जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनकी पंक्ति को दोहराया कि यदि भारत के सभी लोग अनुशासन प्रिय हो जाएं तो भारत को कोई पराधीन नहीं कर सकता है। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रानाडे के सपनों को साकार करते हुए एक अनुशासन प्रिय संगठन के रूप में विश्व पटल पर खड़ा है। निधि ने कहा कि जो लोग अभाविप को नहीं जानते हैं वह अभाविप के बारे में भ्रामक बातें फैलाते हैं। एबीवीपी का मतलब देश की शान, राष्ट्र की शक्ति, देशद्रोहियों की काल। उन्होंने कहा कि सीएए पर अपनी राजनीति चमकाने वाले नेता, पार्टी, छात्र संगठन भ्रम फैला रहे हैं। ऐसे लोग पांच साल की बच्ची के दिमाग में भी जहर भर रहे हैं। जबकि ऐसे विरोधी लोगों को सीएए के बारे में कुछ पता नहीं है। खुद भ्रमित होकर दूसरों को भ्रमित करने में लगे हैं।

विद्यार्थी परिषद सदैव महिलाओं के साथ खड़ी रही है। 2012 में निर्भया कांड के बाद निर्भया के परिवार के साथ खड़ी रही और जब आज बलात्कारियों को फांसी की खबर से देश में खुशी है तो ऐसे समय में वाम विचारधारी से प्रभावित अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह निर्भया की मां से बलात्कारियों को माफी देने की बात कहती हैं। ऐसे चरित्र के लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। विद्यार्थी परिषद ने मिशन साहसी जैसे कार्यक्रम चलाकर 12 लाख से अधिक छात्रओं को प्रशिक्षण दिया गया है। पुरूष का दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है। सदन में महिला सुरक्षा पर चर्चा हो महिलाओं को बल मिले। उन्होंने कहा कि हम विद्यार्थी परिषद के लोग वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ काम करने वाली सज्जन शक्ति हैं, जो दुर्जन शक्तियों से लड़ने को अपना धर्म व ईमान मानते हैं।

कॉलेज कैंपस की ओर लौटें छात्र : प्रो. केके मिश्र

विद्यार्थी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. केके मिश्र ने कहा कि छात्र शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है। इसी विचार को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आगे बढ़ी है। जिसका मिशन राष्ट्र की सेवा है। उन्होंने कहा कि बूंद से ही समुद्र का अस्तित्व है। इस बात को हम सब को समझने की जरूरत है। राष्ट्र सेवा के लिए हम सब की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम अपने अतीत की गौरवशाली परंपरा की ओर लौटें।

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