चरही कोयलांचल क्षेत्र के तापिन नॉर्थ परियोजना के समीप पिंडरा गांव मैं बुधवार अहले सुबह 9:30 बजे एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें सीसीएल कर्मी रोहित कुमार पासवान (30 वर्ष), पिता रतन पासवान की 12 चक्का ट्रक की चपेट में आ जाने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि रोहित पासवान सीसीएल में इलेक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत था। सुबह जब वह ड्यूटी पर आया तो बिजली विभाग का कार्य कहीं से बाधित था और वह अपने मोटरसायकिल इसी सिलसिले में निकला था। इसी क्रम में एक 12 चक्का ट्रक जेएच 02 यु 9655 ने मृतक रोहित पासवान बाइक संख्या जेएच 24ऐ 1086 को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। मृतक रोहित पासवान मूल रूप से पिपरवार थाना क्षेत्र के बेंती गांव का रहने वाला था। सीसीएल कर्मी होने के कारण प्रेम नगर कॉलोनी में रह रहा था।
क्या है मुख्य कारण जिससे आए दिन होती है दुर्घटनाएं
चरही घाटो सड़क पर आए दिन ऐसी जानलेवा दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिससे लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बीते एक-दो माह की बात करें तो इसमें ही लगभग तीन से चार बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सीसीएल प्रबंधन इसके लिए हर तरह से जिम्मेदार है। सीसीएल प्रबंधन द्वारा ना तो कोलियरी में आने वाली बड़ी गाड़ियों की गति सीमा तय है और ना ही पार्किंग की सही व्यवस्था है। कोलियरी में आने वाली गाड़ियां रोड के दोनों छोर पर लगी रहती हैं। वही पार्किंग के नाम पर सीसीएल द्वारा एक जगह मुहैया कराया गया है जहां पर लोकल सेल में आई हुई पूरी गाड़ियों का लग पाना लगभग संभव नहीं है। इसीकारण घाटोटांड़- चरही मार्ग में दोनों तरफ से गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती है और सड़क पूर्ण रूप से बाधित हो जाती है। ऐसे में ऐसी सड़क दुर्घटनाएं होना स्वाभाविक है। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कहन है कि, हमारे बच्चे विद्यालय जाते हैं यदि यही स्थिति रही तो भविष्य में उनके साथ भी ऐसी घटनाएं हो सकती है। वहीं कुछ सीसीएल कर्मियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि तापिन नॉर्थ में लगभग 500 से 550 सीसीएल कर्मी कार्यरत है और इस कोलियरी का मुख्य द्वार एक ही है। ट्रांसपोर्टिंग के लिए भारी वाहनों का आवागमन इसी द्वार से होता है और इसी द्वार से सीसीएल कर्मियों को भी कोलियरी में प्रवेश करना पड़ता है। अब ऐसे में सीसीएल प्रबंधन इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है? जब भी किसी तरह का कोई हादसा या कोई बड़ी दुर्घटना हुई है तो हमसभसीसीएल प्रबंधन ने अपना पलड़ा झाड़ने का काम किया है। और सीसीएल प्रबंधन दुर्घटनाओं के बाद बच निकलने का प्रयास करता है।
बताते चलें कि इस तरह की सड़क दुर्घटनाएं चरही घाटो मार्ग में आए दिन होती रहती हैं जिस पर सीसीएल प्रबंधन के साथ साथ जिला प्रशासन भी आंख मूंदे रहता है।
दुर्घटना के बाद ग्रामीणों में रोष
दुर्घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी और उनके द्वारा सड़क को पूर्ण रूप से जाम कर दिया गया। मौके पर पहुंची चरही पुलिस को भी ग्रामीणों को समझाने बुझाने में काफी मशक्कत करना पड़ा। दुर्घटना होने के बाद ग्रामीणों ने तत्काल प्रभाव से सीसीएल दुर्घटना प्रावधान के तहत मृतक के परिजनों को राशि उपलब्ध कराने की मांग की। इसके साथ ही मृतक के परिवार को नौकरी तथा अन्य मुआवजा देने की भी मांग की गयी है। समाचार लिखे जाने तक सीसीएल प्रबंधन द्वारा मांगो की प्रक्रिया की जा रही थी तथा ग्रामीण शव के साथ दुर्घटना स्थल पर डटे हुए थे। वहीं मृतक के परिजनों का रो रो के बुरा हाल था। इस प्रकार के लापरवाही से निरंतर ऐसे हादसे होते रहती हैं। सीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन को इस पर संज्ञान लेने की जरूरत है।