रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि लघु व कुटीर उद्योग से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है। इनके नियमों को सरल कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ रहे हैं। दास गुरुवार को इएसएएफ स्माल फाइनांस बैंक के प्रबंध निदेशक के पॉल थॉमस से कहा कि राज्य में जल्द ही रूरल इंडस्ट्री पॉलिसी बनने जा रही है। इसमें टेक्सटाइल की तर्ज पर ग्रामीणों को प्रशिक्षित कर रोजगार प्रदान करनेवाली कंपनियों को रियायतें दी जायेंगी। झारखंड में बांस, खजूर आदि का उत्पादन बहुतायत में होता है। इससे जुड़े उत्पादों को बढ़ावा दें। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा और किसानों को भी लाभ होगा। संथाल के सभी छह जिलों व कोलहान के तीन जिलों में इनका उत्पादन होता है। इन जिलों के सभी प्रखंडों में प्रशिक्षण सह उत्पादन इकाई लगाने का काम करें। इससे स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोगों को रोजगार मिलेगा और उनके जीवन में बदलाव आयेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल के सभी जिलों के साथ ही कोलहान के चाकुलिया, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला में बांस व खजूर काफी होते हैं। इससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ी है। इन जिलों में प्रशिक्षण का काम जल्द से जल्द शुरू करें। सरकार स्कील डेवलेपमेंट के माध्यम से सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर सरकार रोक लगा रही है। बांस के उत्पाद इस स्थान को किस प्रकार भर सकते हैं, इस पर फोकस करें। गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद बनायें। बांस के उत्पादों की मांग देश-दुनिया में है। अभी भी विदेशों में झारखंड के उत्पादों की मांग है। दुर्गा पूजा समेत अन्य मेलों में रांची, जमशेदपुर, धनबाद समेत अन्य प्रमुख शहरों में स्टॉल लगायें, ताकि यहां भी उत्पादों की बिक्री हो सके।

बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक के पॉल थॉमस ने बताया कि अभी राज्य के 9 प्रखंडों में प्रशिक्षण व उत्पादन केंद्र चल रहे हैं। जल्द ही 24 और शुरू किए जाएंगे। इनके शुरू होते ही राज्य में लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध हो जाएगा। धीरे धीरे उनकी संख्या और बढ़ेगी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, उद्योग सचिव के रविकुमार, स्कील डेवलेपमेंट के सीइओ कृपानंद झा, कंपनी के निदेशक आलोक पी थॉमस, अजित सेन और जयवंत होरो भी उपस्थित थे।

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