चौपारण|  प्रखंड में भी सरहुल पर्व आदिवासी क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाई गई। सरहुल झारखंड,उड़ीसा,छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों में आदिवासी बहुल राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया गया। आदिवासियों का यह त्योहार चैत्र शुक्ल पक्ष के तृतिया को मनाया जाता है,यह पर्व नये  साल का प्रतीक माना जाता है| आदिवासियो का यह महत्वपूर्ण राजकीय प्राकृतिक त्योहार  प्रायः बसंत ऋतु में मनाया जाता है| आदिवासियो का मानना है कि इस त्योहार को मनाए जाने के बाद ही वे नई फसल का उपयोग करते है| जिसमें मुख्य रूप से धान,पेडों के पत्ते ,फूलों,और फलों के फल आते है|

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