रांची। सरायकेला विधानसभा क्षेत्र झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का गढ़ माना जाता है। इस सीट से झामुमो के दिग्गज नेता चंपई सोरेन तीन बार से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। पिछले चुनाव में चंपई सोरेन ने भाजपा उम्मीदवार गणेश महाली को महज 1200 वोटों से हराया था। जानकार मान रहे हैं कि इसबार भी दोनों उम्मीदवारों के बीच मुकाबला जोरदार होगा।

सरायकेला राजा-रजवाड़ों का शहर रहा है। देववंश के लोगों ने इस स्थान को सजाने और निखारने में अपनी भूमिका अदा की थी लेकिन अब तो न राजा रहे और ना ही उनकी विरासत, बस खंडहरों में बचा गया है उनका वजूद। यह क्षेत्र झामुमो का गढ़ रहा है। झामुमो ने एकबार फिर चम्पाई सोरेन पर अपना दांव लगाया है। झामुमो उम्मीदवार चंपई सोरेन भाजपा सरकार द्वारा विपक्ष के विधायकों के काम में रोड़ा अटकाने को विकास में बाधक बता रहे हैं। वहीं, गणेश महाली वर्तमान विधायक के विकास को लेकर गंभीर नहीं होने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि इतने दिनों तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद झामुमो विधायक ने सरायकेला के लिए कुछ नहीं किया। बात अगर जनता जनार्दन की करें तो उनका स्पष्ट मानना है कि नदी के किनारे बसे गांवों के समीप पुलिया का निर्माण किया जाना चाहिए जिससे ग्रामीणों को सहूलियत हो सके।

पिछले पांच साल में भाजपा ने संगठन और बूथ स्तर पर विधानसभा क्षेत्र में लगातार कई कार्यक्रम चलाए हैं। इस कारण पार्टी अपने मजबूत संगठन और बूथ पर पकड़ के बल पर सरायकेला विधानसभा सीट को अपनी झोली में डालना चाहती है। वहीं, अपनी परंपरागत सीट को बचाने के लिए यहां झामुमो रणनीति बनाने में जुटी हैं।

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