खूँटी। जिले में संक्रमित लोगों की‌ संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लोग उनके अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण स्वस्थ हो रहे हैं| लेकिन जो मरीज गम्भीर हो रहे हैं उसका कारण ससमय इलाज या कोरोना की‌ पुष्टि नहीं हो पाना है। सही जांच नहीं होने के कारण लोगों को ये जानकारी नहीं हो पा रहा कि उसे कोरोना है या मौसमी बिमारी। इस प्रकार अपने परिवार या पड़ोसियों से भी सामान आदान-प्रदान करने तथा नजदीकी होने पर भी चूक हो रही है। और सोशल डीस्टेंस का पालन‌ नहीं कर रहे हैं, और ना ही सेल्फ आइसोलेट हो रहे हैं। अगर रिपोर्ट जल्द मिलता तो संक्रमण की गम्भीरता नहीं होती। और बचाव के लिए सावधानी भी होती।

इधर, एक परिवार में पॉजिटिव निकलने के बाद आरटीपीसीआर जाँच का रिपोर्ट देने में विभाग द्वारा देरी किया जा रहा है। इससे खतरा और भय व्याप्त है। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि उसे कोरोना है या नहीं। परिवार में बच्चे भी हैं। और मामला गंभीर हो रहा है। यह इसलिए भी हो रहा है कि आरटीपीसीआर जांच की सुविधा जिला प्रशासन अथवा सम्बंधित विभाग द्वारा जिले में सुविधा नहीं है। अगर ये सुविधा जिले में हो जाती तो ससमय रिपोर्ट मिलती और संक्रमण से गम्भीर होने से पूर्व ही इलाज शुरू करके स्वस्थ हो जाते। होने से मौत होने से बच जाते। यही कारण है कि जिले में मरीज गम्भीर और संक्रमण का फैलाव‌ बढ़ रहा है।

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