रामगढ़। झारखंड के बड़े इंडस्ट्री में शामिल ब्रह्मपुत्र मैटेलिक प्राइवेट लिमिटेड प्लांट के सात इंजीनियर मौत के मुंह से बच निकले हैं। उन सभी का इलाज रांची के देवकमल अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सकों ने सभी इंजीनियर को खतरे से बाहर बताया है। जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत कामता गांव स्थित प्लांट के प्रबंधक अंजनी सिंह ने बताया कि सभी इंजीनियर के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई। जिसकी वजह से आज वे सभी खतरे से बाहर हैं। उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों के इलाज में आने वाले खर्च का वाहन कंपनी कर रही है। यहां तक कि उनके परिजनों को घर से अस्पताल तक आने के लिए भी गाड़ी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। खाने-पीने से लेकर दवाओं तक का खर्च भी प्रबंधन ही उठा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरुवार की रात प्लांट में आई गड़बड़ी को ठीक करने के लिए इंजीनियर की पूरी टीम काम कर रही थी। इसमें प्लांट हेड इंजीनियर भी शामिल थे। अचानक कीलन का पाइप फट गया और उस से निकले आग के गोले अपने सभी को अपनी चपेट में ले लिया। सभी इंजीनियर सुरक्षा कीट पहने हुए थे, जिसकी वजह से उनकी जान बच सकी है। घायलों में वशिष्ठ मिश्रा, संजय उपाध्याय, सोयेश, सदानंद मदान, इम्तियाज अंसारी, अमित और धर्मेंद्र कुमार शामिल है।

विदित हो कि ब्रह्मपुत्रा मेटालिक प्राईवेट लिमिटेड फैक्ट्री में गुरुवार को कीलन में विस्फोट हो गया था। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गयी। सभी घायलों को नीजि वाहनों में सीएचसी एवं चितरंजन सेवा सदन, गोला पहुंचाया गया था। जहां प्राथमिक इलाज के बाद सभी को रांची रेफर कर दिया गया था।

जानकारी के अनुसार आयरन ओर को भुनने के दौरान उसका गाेला कीलन के पाइप में फंस गया था। जिससे तकनीकि खराबी आ गयी थी। जिसे ठीक करने के दौरान कीलन में विस्फोट हो गया।

 

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