कटकमसांडी (हजारीबाग)| प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित पंचायत ढौठवा के मनार व माड़ीगड़ा गांव में चापानलों में खराबी के कारण पेयजल समस्या बरकरार है। इन दिनों ढौठवा, मनार व माड़ीगड़ा में पेयजल की घोर किल्लत हो गई है। उक्त गांवों के ग्रामीण नदी में चुंआ कुआं खोदकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। बता दें कि ढौठवा, मनार व माड़ीगड़ा गांव प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 20 किमी.दूर जंगली क्षेत्र में अवस्थित है, जहां पीएचईडी के कर्मी नहीं जाते। नतीजतन क्षेत्र के सभी चापानल खराब पड़े हैं ग्रामीणों का कहना है कि पीएचईडी के जेई एई के मोबाईल बंद रहने से बात नहीं हो पाती है।
यहां तक कि पंचायत के मुखिया शेर मोहम्मद खान ने भी विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि चापानल मरम्मति को लेकर कई बार दूरभाष से व व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क करने की कोशिश की गई मगर असफल रहे। आज स्थिति यह है कि चापानल खराब पड़े हैं। चापानल मरम्मत नहीं होने से एक बड़ी आबादी फिलहाल पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। मालुम हो मनार व माड़ीगड़ा के ग्रामीण वर्षों से नदी के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं।