बोकारो।  शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए बेहतर सुविधा व संसाधन मुहैया कराने का दावा किया जाता है। बच्चों के सुरक्षा को लेकर सजग रहने की बात कही जाती है, लेकिन उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाउरीटोला, चास में ऐसा कुछ नजर नहीं आता है।

इस विद्यालय का भवन सिगारी जोरिया के निकट बनाया गया है। जोरिया के पानी से स्कूल भवन के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके पानी के कटाव से विद्यालय की चहारदीवारी ध्वस्त हो गई है। पानी से विद्यालय भवन के नीचे की जमीन का भी कटाव हो रहा है।

यदि मिट्टी के कटाव को रोकने का उपाय नहीं किया गया तो यह भवन भी ध्वस्त हो सकता है। इससे यहां कभी भी हादसा हो सकता है। इससे शिक्षक परेशान हैं। स्कूल के प्रभारी प्राचार्य ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को पत्र प्रेषित किया है, लेकिन अब तक इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गई है।

पारा शिक्षकों को  प्रभारी प्राचार्य बनाने पर नाराजगी 

उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाउरीटोला, चास में 265 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन्हें कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। यहां स्थायी शिक्षक सुनील कुमार के अलावा पारा शिक्षक लीलू बाउरी, अमर दत्ता, राज कुमार दत्ता व रीता दत्ता कार्यरत हैं। मजेदार तथ्य यह है कि स्थाई शिक्षक सुनील कुमार के रहते हुए लगभग दो वर्ष पूर्व पारा शिक्षक लीलू बाउरी को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है। पारा शिक्षक लीलू बाउरी के भरोसे स्कूल का संचालन किया जा रहा है।

वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी, नीलम आइलिन टोप्पो ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, “विभागीय स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी। जोरिया का पानी स्कूल परिसर में प्रवेश न करे, इसकी व्यवस्था कराई जाएगी। स्थायी शिक्षक को स्कूल का प्रभार देना चाहिए।”

 

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