रांची/ देवघर: सावन की पहली सोमवारी पर बाबा मंदिर का पट सुबह चार बजे सुबह खोला गया और पुजारी विनोद झा के द्वारा परंपरागत रूप से पूजा की गई। पुरोहितों को शारीरिक दूरी के साथ जलार्पण कराया गया।

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देवघर में इस साल विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला नहीं लगा है। बाबा बैद्यनाथ का मंदिर भी बंद है। ऐसे में सावन महीने में बाबा नगरी देवघर का नजारा बदला-बदला है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि सावन की पहली सोमवारी को यहां सन्नाटा पसरा हुआ है। इससे पहले हर साल देवघर में सावन की पहली सोमवारी को एक से डेढ़ लाख लोग बाबा बैद्यनाथ को जलाभिषेक करते थे। इस साल सिर्फ ब्रह्म मुहूर्त में बाबा मंदिर में बाबा बैद्यनाथ की सरकारी पूजा हुई। इस दौरान बाबा बैद्यनाथ ने भक्तों को ऑनलाइन दर्शन दिया। सरकारी पूजा का प्रसारण (ई-दर्शन) दूरदर्शन केंद्र, रांची एवं झारखंड के टीवी चैनलों पर किया गया।

साल 2020 के सावन महीने की खास विशेषता रही। इस साल सावन महीने की शुरूआत सोमवार से हुई। सावन की पहली सोमवारी पर बाबा मंदिर का पट सुबह चार बजे सुबह खोला गया और पुजारी विनोद झा के द्वारा परंपरागत रूप से पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान प्रशासन की ओर से उपायुक्त नैंसी सहाय, एसपी पीयूष कुमार पांडे, एसडीओ विशाल सागर, एसडीपीओ विकास चंद श्रीवास्तव एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। कड़ी सुरक्षा के बीच परंपरा के अनुसार बाबा बैद्यनाथ की सरकारी पूजा पांच बजे तक की गई। इसके बाद से पुरोहितों को शारीरिक दूरी के साथ जलार्पण कराया गया जो 6.45 बजे तक चला।

उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर मंदिर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मंदिर का पट सुबह चार बजे खोला गया और पांच बजे तक सरकारी पूजा हुई। उसके पश्चात तीर्थ पुरोहितों द्वारा जल अर्पण किया गया। 6:45 बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया शाम को पुनः श्रृंगार पूजा के लिए 40 मिनट के लिए पट खोला जाएगा ताकि परंपरा का निर्वाह किया जा सके।

कोरोना के कारण सावन में श्रावणी महोत्सव पर रोक लग चुकी है। आम श्रद्धालु देवघर में बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ के फौजदारी बाबा के ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे। भोर में होने वाली सरकारी पूजा और शाम की श्रृंगार पूजा का प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इसे ऑनलाइन दर्शन का नाम दिया गया है।

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