महिला की लाश के पास झाड़ फूंक करती भारती टुडू।
सोमवार को विषैले सांप के काटने से महिला की हो गई थी मौत
घाटशिला. गालूडीह स्थित हेंदलजुड़ी पंचायत के कालाझोर गांव में सांप के डंसने से एक महिला की मौत हो गई। ग्रामीणों ने महिला के परिजनों को गांव की एक महिला तांत्रिक के पास जाने की सलाह दी। इसके बाद मंगलवार सुबह से मृत महिला को जिंदा करने का खेल शुरू हुआ। महिला तांत्रिक घंटों झाड़-फूंक करती रही। घटना की सूचना के बाद ग्रामीणों की काफी भीड़ जुट गई।
हेंदलजुड़ी पंचायत के धमकबेड़ा की सोमवारी हेम्ब्रम (30) सोमवार की शाम घर के आंगन में चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी लाने गई थी। उसी समय एक जहरीले सांप ने उसे डंस लिया। पति जोगेन हेम्ब्रम ने बताया कि पहले जड़ी बूटी से ठीक करने का प्रयास किया गया। जब स्थिति बिगड़ने लगी तो आननफानन में रात 11 बजे घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। परिजन शव को धालभूमगढ़ ओझा के पास ले गए। पर सोमवारी झाड़फूंक से जिंदा नहीं हुई।
पुन: शव को परिजन घर ले आए। परिजनों ने पता किया कि डुंगरीडीह में भारती टुडू नामक एक महिला तांत्रिक है। फिर परिजन डुंगरीडीह भारती टुडू के पास सोमवारी के शव को ले आए। भारती टुडू ने झाड़फूंक शुरू किया। भारती टुडू ने बताया कि शरीर अगर गर्म हो गया तो झाड़-फूंक में सात दिन भी लग सकता है। वह जिंदा हो सकती है। मंगलवार की सुबह 9 बजे के करीब भारती ने सोमवारी के शव का झाड़ फूक शुरू किया। यहां पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई और सभी सोमवारी के जिंदा होने का इंतजार करने लगे।
समाचार लिखे जाने तक इस महिला तांत्रिक द्वारा झाड़ फूंक जारी था। बताते चलें कि इस अनुमंडल में ओझा और झाड़ फूंक के चक्कर में हर साल सर्पदंश के शिकार अनेक लोगों की मौत हो जाती है। क्योंकि सर्पदंश के शिकार लोगों को परिजन किसी अस्पताल में ले जाने की बजाय झाड़ फूंक कराने ले जाते हैं। जब स्थिति बिगड़ जाती है तो उसे अस्पताल ले जाते हैं। विलंब से अस्पताल पहुंचने के कारण मरीज की मौत हो जाती है।