जमशेदपुर। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन माई सहेली’ नामक एक पायलट परियोजना की शुरूआत की है। इसके तहत यात्रा के दौरान ट्रेन में अकेली सफर कर रहीं महिला यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जायेगा। यह जानकारी सोमवार को दक्षिण पूर्व रेलवे आरपीएफ के आइजी व मुख्य सुरक्षा आयुक्त देवेंद्रनाथ बी कसार ने कोलकाता के गार्डनरीच मुख्यालय में आयोजित एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

उन्होंने बताया कि इसमें आखिरी स्टेशन तक महिला यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जायेगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है, जिससे उनकी यात्रा आरामदायक हो सके। आइजी ने बताया कि फिलहाल चार ट्रेनों में इस प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। तीन ट्रेनें हावड़ा से व एक ट्रेन रांची से है। हावड़ा-यशवंतपुर दुरंतो स्पेशल, हावड़ा-अहमदाबाद स्पेशल, हावड़ा-मुंबई स्पेशल एवं रांची- नई दिल्ली राजधानी स्पेशल ट्रेन में ऑपरेशन माइ सहेली की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में इस प्रोजेक्ट की शुरूआत अन्य ट्रेनों में भी की जायेगी। आइजी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए महिला आरपीएफ की एक टीम तैयार की गयी है। ट्रेन खुलने से पहले टीम के सदस्य सभी कोच में राउंड लगायेंगी। यह टीम ट्रेन में अकेली सफर कर रहीं महिला यात्रियों से संपर्क कर उनका मोबाइल नंबर संग्रह करेंगी। 40-50 महिला यात्रियों के मोबाइल नंबर संग्रह करने के बाद यह टीम एक ब्रॉडकास्ट ग्रुप (एक तरह का व्हाट्सअप ग्रुप) बनायेगी। सफर करने के दौरान अगर महिला यात्री को किसी तरह की परेशानी होती है, तो इस ग्रुप में वह अपनी शिकायत टाइम कर देंगी। साथ ही 182 नंबर पर डायल कर वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं

ग्रुप में शिकायत मिलते ही महिला आरपीएफ की टीम हरकत में आयेगी और यात्री की शिकायत को अगले अधिकारी के पास फॉरवर्ड किया जायेगा, जहां पर ट्रेन का अगला पड़ाव होगा। अगले स्टेशन पर ट्रेन पहुंचते ही आरपीएफ के अधिकारी शिकायतकर्ता के पास पहुंचेंगे और आगे की कार्रवाई की जायेगी।आइजी ने बताया कि अपने गंतव्य स्टेशन पर उतरने के बाद भी महिला आरपीएफ की टीम यात्री से संपर्क कर उनकी यात्रा की जानकारी लेगी।

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