(आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग प्रषिक्षण केन्द्र)
चौधरी बगान, हरित भवन के सामने हरमू रोड, रॉची-834001

मोबाईल सं0-09430142547

जन्म दिवस समारोह

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बगान, हरित भवन के सामने हरमू रोड, रॉची में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा के जन्म दिवस के अवसर पर केन्द संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने अपने संदेश में कहा कि ब्रह्मा बाबा एक ऐसे विष्व व्यापी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक थे जिसके द्वारा सम्पूर्ण विश्व में आध्यात्मिक क्रांति आ रही है तथा नव सृष्टि की रचना हो रही है। विश्व  की इस अंधकारमय विनाशकालीन परिस्थिति में स्वयं परमात्मा ने ब्रह्मा बाबा को आदर्श युगपुरूष बनाया। यदि मानव उनके समान बनने का लक्ष्य जीवन में धारण करे तो सहज ही विश्व का अंधकार तथा स्वयं के जीवन का अंधकार समाप्त हो जाये। दिग्भ्रमित आत्माओं को सही राह दिखाने वाले पिता श्री ब्रह्मा हमारे लिए आशा के प्रकाश पुंज है।

आगे उन्होंने कहा स्वर्णिम युग की स्थापना के लिए मातृशक्ति का जोरदार आवाह्न किया। मातृशक्तियों की इस पूर्ण सक्रियता से स्वर्णिम युग शीघ्र ही इस धरती पर सभी के लिए आयेगा। एकरस गहन योग तपस्या करने के कारण ब्रह्मा बाबा आध्यात्मिक शक्ति का एक स्रोत बन गये थे। इसलिए आज भी उनकी शिक्षाओं से हर एक को अपने मनोविकारों पर विजय प्राप्त कर उन्हीं के समान दिव्य बनने की प्रेरणा मिलती है। गुजर गई शताब्दी की कई झलकियॉ लोगों ने देखीं व अनेक स्तंभ अमर आत्माओं को याद किया किन्तु विश्व इतिहास का एक उज्वल पक्ष मानव दृष्टि से ओझल रहा जब विगत सदी के वर्ष 1937 में असाधारण व्यक्तित्व वाले प्रजापिता ब्रह्मा को विश्व पिता शिव ने माध्यम बनाकर स्वर्णिम युग का सूत्रपात किया।

एक ऐसी बेहतर विश्व व्यवस्था की बुनियाद रखी जहां समानता, स्वतंत्रता, षिक्षा स्वास्थ्य व समृद्धि होगी। अपने आदि में स्वर्णिम रहे इस विश्व में पांच विकारों के कारण नैतिकता का हास हुआ है। अभी प्रजापिता ब्रह्मा की लाखों मानस संतानों ने संपूर्ण ब्रह्मचर्य के दृढ़वती बन इस विषाक्त  विश्व वायुमंडल को परिवर्तन करने का बीड़ा उठाया है। उनके द्वारा स्थापित ब्रह्माकुमारी संस्थान विशाल वट वृक्ष वन शांति के महामंत्र की ध्वज पताका पांचों महाद्विपों में फहरा रहा है व आध्यात्मिकता की शक्ति से स्वर्णिम युग ला रहा है। यह शक्ति कोई जादू, भक्ति या चमत्कार का परिणाम नहीं है बल्कि ज्योर्तिबिन्दु परमात्मा से बुद्धियोग स्थापित करने से प्राप्त आध्यात्मिक शक्ति है जिसे राजयोग कहते हैं। राजयोग से स्थापित स्वर्णिम युग की योगज संताने दैवी गुणों से संपन्न होगीं। अतः पिताश्री ब्रह्मा द्वारा ”पवित्र बनो, राजयोगी बनो” का संकल्प विश्व के सामने रखा गया है।

ज्ञात हो कि ईश्वरीय विश्व विद्यालय ब्रह्माकुमारी केन्द्र चौधरी बगान, हरित भवन के सामने हरमू रोड, रांची में ज्ञान-योग सत्र प्रति दिन उपलब्ध है।
मानवता की सेवा में

(ब्रह्माकुमारी निर्मला)
केन्द्र प्रशासिका

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